नई दिल्ली। सरकार ने पेट्रोल और एटीएफ के निर्यात पर 6 रुपए प्रति लीटर की दर से कर लगाया है और डीजल के निर्यात पर 13 रुपए प्रति लीटर का कर लगाया गया है।
एक सरकारी अधिसूचना में कहा गया कि सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की ऊंची कीमतों से उत्पादकों को होने वाले अप्रत्याशित लाभ के एवज में घरेलू रूप से उत्पादित कच्चे तेल पर 23,230 रुपइ प्रति टन का अतिरिक्त कर लगाया है।
निर्यात पर कर तेल रिफायनरी विशेषकर निजी क्षेत्र के लिए है जिन्हें यूरोप और अमेरिका जैसे बाजारों में ईंधन का निर्यात करने पर खासा लाभ मिलता है।
वहीं घरेलू स्तर पर कच्चे तेल का उत्पादन करने पर लगाया गया कर स्थानीय उत्पादकों के लिए है जिन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की ऊंची कीमतों से अप्रत्याशित लाभ मिल रहा है।
इस तरह सोने के बढ़ते आयात और चालू खाता घाटा (सीएडी) को बढ़ने से रोकने के लिए सरकार ने इस महंगी धातु पर आयात शुल्क 10.75 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया है। शुल्क में बदलाव 30 जून से प्रभाव में आया है।
इससे पहले सोने पर मूल सीमा शुल्क 7.5 फीसदी था जो अब 12.5 फीसदी होगा। 2.5 फीसदी के कृषि अवसंरचना विकास उपकर के साथ सोने पर प्रभावी सीमा शुल्क 15 फीसदी होगा।
सोने के आयात में एकाएक तेजी आई है और मई में कुल 107 टन सोने का आयात किया गया, वहीं जून में भी सोने का उल्लेखनीय आयात हुआ। वित्त मंत्रालय ने कहा कि सोने का आयात बढ़ने से चालू खाता घाटे पर दबाव बढ़ रहा है।