नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) काउंसिल की बैठक (GST council meet) शुक्रवार को करीब 7 महीने बाद आयोजित हुई।
काउंसिल की 43वीं बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई। सीतारमण ने कहा कि 2022 से आगे मुआवजे के भुगतान पर विचार के लिए जीएसटी काउंसिल का विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा। दूसरी ओर, कोरोना वैक्सीन, कोरोना सैंपल टेस्टिंग किट, ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर जैसे अन्य सामानों पर पूरी तरह GST हटाने की मांग पर सहमति नहीं बन पाई।
हालांकि केंद्र सरकार ने ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर इसके इलाज में काम आने वाली दवा एंपोटेरिसिन-बी (Amphotericin B) के आयात को एकीकृत जीएसटी से छूट देने का फैसला लिया गया है। इस पर वर्तमान में पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है।
इसके साथ ही कोविड से जुड़ी राहत वस्तुओं के आयात में छूट देने का फैसला किया गया है। सीतारमण ने कहा कि परिषद ने 31 अगस्त तक मुफ्त COVID संबंधित सप्लाई पर IGST से छूट देने का फैसला किया है।
वित्तमंत्री सीतारमण ने घोषणा की कि केंद्र सरकार राज्यों को GST कंपंशेसन के रूप में 1.58 लाख करोड़ रुपए देगी। इसके अलावा मेडिकल इक्विपमेंट्स पर GST रेट कट पर फैसला 8 जून तक आएगा। इस बारे में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स विचार करेगा और रेट को लेकर 8 जून को रिपोर्ट दी जाएगी।
बैठक के मुख्य बिन्दु...
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ब्लैक फंगस के इलाज में उपयोगी Amphotericin B छूट वाली लिस्ट में शामिल।
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राहत सामग्री के आयात में छूट का फैसला किया है। यह छूट 31 अगस्त तक जारी रहेगी।
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कोविड-19 से संबंधित वस्तुओं पर जीएसटी में कटौती के मसले पर मंत्रिसमूह का गठन। समूह 10 दिन में रिपोर्ट पेश करेगा।
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GOM कोविड सामग्रियों पर GST रेट कम करने के मसले पर काम करेगा।
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जीएसटी व्यवस्था में छोटे करदाताओं को राहत के लिए एमनेस्टी योजना की सिफारिश।
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लेटफीस को युक्तिसंगत बनाने के साथ ही इसमें कमी की जाएगी.।
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वार्षिक रिटर्न फाइलिंग को भी सरल बनाया जाएगा।
भाजपा शासित राज्यों ने किया विरोध : दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को दावा किया कि भाजपा शासित राज्यों के ज्यादातर वित्त मंत्रियों ने कोरोना महामारी से जुड़ी दवाओं और सामग्री को जीएसटी से मुक्त करने के प्रस्ताव का विरोध किया।
सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा- जीएसटी परिषद के समक्ष कोविड-19 से जुड़े टीके, आक्सीजन सिलेंडर, कंसन्ट्रेटर, पीपीई किट, सेनिटाइजर, मास्क, परीक्षण किट आदि को कर मुक्त करने का प्रस्ताव रखा गया था। उन्होंने कहा कि पंजाब, पश्चिम बंगाल, केरल और कई अन्य राज्यों के वित्त मंत्रियों ने भी इस तरह का प्रस्ताव रखा। लेकिन भाजपा शासित राज्यों के वित्त मंत्रियों ने इसका जोरदार विरोध किया।