गांधीनगर। गुजरात में भारी से अति भारी वर्षा का सिलसिला जारी है और पिछले 24 घंटे में ही पूरे मानसून सत्र की औसत के 8 प्रतिशत से अधिक वर्षा दर्ज की गई है।
मौसम विभाग ने सोमवार को भी कई स्थानों पर भारी से अति भारी वर्षा की चेतावनी दी है। नदी नालों में उफान के बीच 100 से अधिक डैम हाई अलर्ट पर है। 300 से अधिक सड़के बंद हैं। निचले इलाक़ों से बड़ी संख्या में लोगों को स्थानांतरित भी किया गया है। राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की एक दर्जन से अधिक टुकड़ियां तैनात की गई हैं। राज्य के राजस्व मंत्री कौशिक पटेल ने स्थिति की समीक्षा के लिए बैठक भी की।
राज्य आपात संचालन केंद्र को ओर से मिली अधिकारिक जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटे में सभी 33 जिलों के सभी 251 तालुक़ा में बारिश हुई जिसमें सर्वाधिक 338 मिलीमीटर जामनगर ज़िले के जोड़िया में थी। इसके साथ ही राज्य में शत प्रतिशत मानसूनी वर्षा का आंकड़ा पार हो गया है। सोमवार दोपहर 12 बजे तक कुल 104 प्रतिशत से अधिक वर्षा दर्ज की जा चुकी थी।
सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक 198 तालुक़ा में वर्षा हुई थी, जिसमें सबसे अधिक 159 मिमी राजकोट के गोंडल में थी। देवभूमि द्वारका के भाणवद में 123, जामनगर के जामजोधपुर 108, कच्छ के लखपत में 89, मोरबी के टंकारा में 86 और मोरबी में 84 मिमी वर्षा हुई है।
वर्षा के कारण जन जीवन भी अस्त व्यस्त हो गया है। राज्य भर में 314 सड़के बंद हैं, जिनमे महेसाणा ज़िले से गुज़रने वाला एक राष्ट्रीय राजमार्ग (नेशनल हाई वे) भी शामिल है। इनमें 16 राज्य स्तरीय राजमार्ग यानी स्टेट हाई वे भी हैं। भारी वर्षा के बीच मध्य गुजरात के तीर्थ स्थल पावागढ़ की पहाड़ी पर एक झरने के पास फंसे 70 लोगों का सकुशल बचाव भी किया गया।
उधर, नदियों में उफान के चलते इनके किनारे वाले निचले इलाक़ों से 1000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। मौसम विभाग ने आज भी उत्तर गुजरात और सौराष्ट्र में कई स्थानों पर भारी से अति भारी वर्षा की चेतावनी दी है। आने वाले तीन दिनो में भी कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना जताई गई है। राज्य के तंत्र पूरी तरह से अलर्ट हैं और स्थिति पर पूरी नज़र रखी जा रही है। राहत और बचाव कार्य के लिए अतिरिक्त टुकड़ियां भी रिज़र्व रखी गई हैं।