Gyanvapi Mosque Case : वाराणसी पहुंची ASI की टीम, आज से शुरू होगा ज्ञानवापी परिसर का सर्वे, 4 अगस्त तक कोर्ट को सौंपी जानी है रिपोर्ट

Webdunia
सोमवार, 24 जुलाई 2023 (00:14 IST)
वाराणसी। Gyanvapi Mosque Case :  ज्ञानवापी परिसर के पुरातात्विक सर्वे के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम रविवार को वाराणसी पहुंच गई। हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने यहां बताया कि एएसआई की टीम सोमवार को ज्ञानवापी परिसर में वजूखाने को छोड़ कर पूरे परिसर का सर्वेक्षण शुरू करेगी। 4 अगस्त तक कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
 
एएसआई की टीम सोमवार को सुबह सात बजे से ज्ञानवापी परिसर में सर्वेक्षण शुरू करेगी। इसमें सभी वादियों के एक-एक अधिवक्ता शामिल रहेंगे।
 
वाराणसी के जिला न्यायाधीश एके विश्वेश की अदालत ने 21 जुलाई को हिन्दू पक्ष की मांग को स्वीकार करते हुए ज्ञानवापी मस्जिद के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की अनुमति दी है। 
 
क्या कहा मुस्लिम पक्ष ने : मामले में हिन्दू पक्ष द्वारा दायर याचिका में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता मो. तौहीद खान ने कहा कि वे आदेश के खिलाफ ऊपरी  अदालत में जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘यह स्वीकार्य नहीं है और हम इसके खिलाफ ऊपरी अदालत में जाएंगे। इस सर्वेक्षण से मस्जिद को नुकसान हो सकता है।
कहा करेगी सर्वे : अदालत ने  शुक्रवार को काशी विश्वनाथ मंदिर के निकट स्थित मां श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिन्दू पक्ष की मांग को स्वीकार करते हुए वजूखाने को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर की पुरातात्विक एवं वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने की अनुमति दी है।
 
शिवलिंग मिलेने का दावा : अप्रैल 2022 में दिवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) की अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण का आदेश दिया था। मुस्लिम पक्ष के विरोध के बीच सर्वेक्षण अंततः मई 2022 में पूरा हुआ था। इसी दौरान हिंदू पक्ष ने मस्जिद परिसर के अंदर वजू के लिए बने तालाब में ‘शिवलिंग’ मिलने का दावा किया था, वहीं मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया था।
 
क्या है ज्ञानवापी विवाद : ज्ञानवापी का ताजा विवाद मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देवी-देवताओं की रोज पूजा के अधिकार की मांग के बाद खड़ा हुआ। ये मूर्तियां ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हैं। 
 
इस विवाद की शुरुआत 18 अगस्त 2021 को हुई थी, जब 5 महिलाओं ने श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजन और दर्शन की मांग को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
 
पहले इस परिसर में साल में केवल 2 बार परंपरा के मुताबिक पूजा की जाती थी, लेकिन फिर इन महिलाओं ने मांग की, कि अन्य देवी देवताओं की पूजा में बाधा नहीं आनी चाहिए। एजेंसियां Edited By : Sudhir Sharma

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

India-Pakistan Conflict : सिंधु जलसंधि रद्द होने पर प्यासे पाकिस्तान के लिए आगे आया चीन, क्या है Mohmand Dam परियोजना

Naxal Encounter: कौन था बेहद खौफनाक नक्‍सली बसवराजू जिस पर था डेढ़ करोड़ का इनाम?

ज्‍योति मल्‍होत्रा ने व्‍हाट्सऐप चैट में हसन अली से कही दिल की बात- कहा, पाकिस्‍तान में मेरी शादी करा दो प्‍लीज

भारत के 2 दुश्मन हुए एक, अब China ऐसे कर रहा है Pakistan की मदद

गुजरात में शेरों की संख्या बढ़ी, खुश हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

सभी देखें

नवीनतम

आतंकवादी हमलों के पीड़ित और अपराधी को समान नहीं समझा जाना चाहिए : विक्रम मिसरी

MP : भाजपा नेता का आपत्तिजनक वीडियो वायरल, मामले को लेकर पार्टी ने दिया यह बयान

राहुल गांधी का डीयू दौरा विवादों में, विश्वविद्यालय ने जताया ऐतराज, भाजपा ने लगाया यह आरोप

शहबाज शरीफ की गीदड़भभकी, भारत-PAK के बीच जंग के हालात ले सकते थे खतरनाक मोड़

पिता को मरणोपरांत 'कीर्ति चक्र' से सम्मानित किए जाने पर बेटे ने कहा- इस सम्मान के लिए शुक्रिया पापा

अगला लेख