अहमदाबाद। गुजरात में पाटीदार समाज के नेता हार्दिक पटेल ने अपने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के नौवें दिन अपनी वसीयत जारी की। वसीयत में हार्दिक ने कहा, वे चाहते हैं कि उनकी संपत्ति का बंटवारा माता-पिता (भरत पटेल और उषा पटेल) और एक गौशाला के बीच हो।
पाटीदार समुदाय को आरक्षण, किसानों की कर्जमाफी और अपने सहयोगी अल्पेश कठीरिया की रिहाई की मांग को लेकर हार्दिक भूख हड़ताल पर हैं। हार्दिक ने अपनी वसीयत में कहा कि इस निर्दयी भाजपा सरकार के खिलाफ 25 अगस्त से मैं अनशन कर रहा हूं।
हार्दिक ने कहा, मेरा शरीर कमजोर हो चुका है और मैं दर्द, बीमारी और संक्रमण का शिकार हो गया हूं। लगातार बिगड़ रहे इस शरीर पर मैं भरोसा नहीं कर सकता। मेरे शरीर से मेरी आत्मा कभी भी बाहर निकल सकती है, इसलिए मैंने अपनी अंतिम इच्छा की घोषणा करने का फैसला लिया। हार्दिक ने इस वसीयत में मौत होने की सूरत में अपनी आंखें दान करने की इच्छा भी जाहिर की है।