नई दिल्ली। यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) देश के नए राजस्व सचिव होंगे। माल एवं सेवाकर (जीएसटी) को देशभर में लागू करवाने में अहम भूमिका अदा करने वाले वित्त सचिव हसमुख अधिया 30 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। अधिया के पास राजस्व सचिव का भी प्रभ है।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय भूषण पांडेय को राजस्व सचिव के रूप में अधिया का उत्तराधिकारी बनाया गया है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के गुजरात कैडर के 1981 बैच के अधिकारी अधिया केंद्र में नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद नवंबर 2014 में दिल्ली आए थे। उनकी नियुक्ति वित्तीय सेवा विभाग में सचिव के तौर पर हुई।
अगस्त 2015 में उन्हें राजस्व सचिव नियुक्त किया गया और नवंबर 2017 में उन्हें वित्त सचिव बनाया गया था। अधिया मुद्रा योजना, बैंक पुनर्पूंजीकरण योजना- इन्द्रधनुष जैसे कई सरकारी कार्यक्रमों और अन्य प्रमुख सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जुड़े थे।
केंद्र सरकार में 4 साल की तैनाती के दौरान उनका सबसे महत्वपूर्ण योगदान जीएसटी के क्रियान्वयन में है। यह आजादी के बाद का सबसे बड़ा कर सुधार है। वे कालेधन को वापस लाने के लिए बनाए गए कानूनों से भी जुड़े थे। सूत्रों के अनुसार अधिया सेवा विस्तार नहीं चाहते हैं और योग प्रेमी होने के नाते वे अध्यात्म की ओर ध्यान केंद्रित करने के इच्छुक हैं।
राजस्व विभाग में सचिव के रूप में जीएसटी को लागू करने के लिए अधिया ने रात-दिन मेहनत की। यह कानून पिछले 17 सालों के लटका हुआ था। जीएसटी क्रियान्वयन से जुड़े लोगों का कहना है कि अधिया की ही जिद थी कि मई 2017 में श्रीनगर में 2 दिवसीय बैठक में जीएसटी परिषद को 1,200 उत्पादों के लिए कर की दरें मंजूरी करनी पड़ी थीं।
वित्त मंत्रालय में अपने कार्यकाल के दौरान अधिया विवादों से दूर ही रहे। वे जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) में निजी कंपनियों के प्रभुत्व को लेकर भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी के निशाने पर रहे थे। यह कंपनी सूचना प्रौद्योगिकी के मामले में जीएसटी के लिए रीढ़ की हड्डी का काम करती है। (भाषा)