जम्मू। सुरक्षाबलों को मंगलवार को कश्मीर में एक बार फिर ऑपरेशन मां ने उस समय कामयाबी दिलाई जब दो आतंकियों के साथ छोटी-सी मुठभेड़ के उपरांत उन्हें उनके परिजनों ने हथियार डालने पर मजबूर कर दिया। जिन दोनों आतंकियों ने हथियार डाल दिए उन्होंने कुछ दिन पहले पीडीपी के एक नेता के पीएसओ की हत्या की थी।
कुलगाम में मंगलवार को लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों के साथ संक्षिप्त मुठभेड़ के दौरान आत्मसमर्पण कर दिया। आईजी कश्मीर विजय कुमार ने दोनों आतंकियों द्वारा आत्मसमर्पण किए जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि इन्हीं दोनों आतंकियों ने श्रीनगर के नाटीपोरा इलाके में पीडीपी नेता के घर हमला कर दिया था, इस हमले में नेता का पीएसओ शहीद हो गया था।
इसी माह 14 दिसंबर को नाटीपोरा इलाके में रहने वाले पीडीपी नेता परवेज अहमद के घर लश्कर के आतंकियों ने हमला किया था। इस हमले में जम्मू कश्मीर पुलिस के पीएसओ मंजूर अहमद शहीद हो गए थे। आईजी ने बताया कि आज सुबह जिन दो आतंकियों ने आत्मसमर्पण किया है।
परिजनों ने मौके पर पहुंच दोनों आतंकियों को परिवार व बच्चों का हवाला दिया। इसके बाद वे आत्मसमर्पण करने के लिए मान गए। दोनों आतंकियों ने हथियार डाल सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। विजय कुमार ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले दोनों आतंकवादियों ने ही नाटीपोरा में पीडीपी नेता के पीएसओ की हत्या की थी। घाटी में अब तक के 12 आतंकवादियों ने लाइव मुठभेड़ के दौरान आत्मसमर्पण किया है।
पुलिस ने बताया कि आज सुबह जब उन्हें इस बात की सूचना मिली कि कुलगाम के तोंगडोनू इलाके में लश्कर के दो आतंकी छिपे हुए हैं तो एसओजी, सेना की सेना की 34 आरआर और सीआरपीएफ की एक संयुक्त टीम ने जिले के तोंगडोनू इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया।
जैसे ही सुरक्षाकर्मी संदिग्ध स्थल की ओर बढ़े आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू कर दी। सुरक्षाबलों ने दोनों आतंकियों को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा परंतु वे नहीं माने। जानकारी जुटाने पर जब सुरक्षाबलों को पता चला कि ये दोनों आतंकी स्थानीय हैं तो उन्होंने बातचीत के लिए उनके परिजनों को मौके पर बुलाया गया था।