तिरुवनंतपुरम। केरल में शनिवार को मूसलधार बारिश होने और तेज हवाएं चलने से सैकड़ों मकान क्षतिग्रस्त हो गए, पेड़ उखड़ गए और बिजली आपूर्ति घंटों तक बाधित रही। समुद्र में ऊंची लहरें उठने से तटीय इलाकों में जनजीवन बाधित हो गया।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) से मिली ताजा जानकारी के अनुसार, पांच जिलों मलप्पुरम, कोझीकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड में अत्यधिक भारी बारिश की आशंका के साथ रेड अलर्ट जारी किया गया है। अलप्पुझा, कोट्टयम, इडुक्की, एर्नाकुलम, त्रिशूर, पलक्कड, मलप्पुरम, कोझीकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड जिलों में एक या दो स्थानों पर 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के साथ बारिश की संभावना है।
मध्य और उत्तरी जिलों में ऊंचे और तटीय इलाकों में पिछले 24 घंटों में काफी नुकसान पहुंचा। प्रमुख नदियों में जल स्तर लगातार बढ़ने पर प्राधिकारियों ने उसके तट पर रह रहे लोगों को चौकन्ना रहने को कहा है। पर्वतीय जिले इडुक्की में कलारकुट्टी, मलंकारा और भूथाथंकेट्टू बांध के द्वार खुले हैं।
राज्य में कई जगहों पर पेड़ उखड़ गए और मकानों तथा वाहनों पर गिरे। पेड़ों के गिरने से कई स्थानों पर यातायात भी बाधित हो गया जबकि इडुक्की में मुन्नार-वट्टावडा रोड कुछ वक्त तक बाधित रहा। एनडीआरएफ के कर्मी पेड़ों को हटाने और रास्तों को साफ करने की कोशिश कर रहे हैं।
तटीय जिलों तिरुवनंतपुरम, एर्नाकुलम, त्रिशूर और मलप्पुरम में भारी बारिश और तेज हवाओं के साथ समुद्र में ऊंची लहरें उठने से व्यापक नुकसान हो रहा है। राज्य में यहां स्थित सबसे पुराने समुद्री पुल वलियाथुरा में दरार आ गई है। पुल के प्रवेश द्वार को बंद कर दिया है और वहां पुलिस को तैनात किया गया है।
राज्य के तटीय क्षेत्रों में समुद्र में ऊंची लहरें उठने से सैकड़ों मकान क्षतिग्रस्त हो गए। बड़ी संख्या में लोगों को विभिन्न जिलों में राहत शिविरों में भेजा गया है, जहां कोविड-19 संबंधी नियमों का पालन किया जा रहा है। (भाषा)