चेन्नई। तमिलनाडु में बाढ़-बारिश का कहर जारी है। चेन्नई के कोडंबक्कम और अशोक नगर क्षेत्र में भारी बारिश और तेज आंधी के कारण कई पेड़ उखड़ गए। बाढ़-बारिश की घटनाओं में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। चेन्नई में पिछले चार दिन से लगातार बारिश हो रही है।
बंगाल की खाड़ी में बादलों का भंवर चक्रवात में बदल गया, जो तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश में भारी बारिश की स्थिति बना रहा होगा। इसका सबसे ज्यादा असर चेन्नई में होने की आशंका है। चक्रवात से दक्षिण के सभी राज्यों में बारिश की आशंका है।
प्रदेश सरकार ने 9 जिलों में 11 नवंबर को अवकाश की घोषणा की है। इस दौरान सभी सरकारी कार्यालय और अन्य ऑफिस बंद रहेंगे। इन जिलों में चेन्नई, कांचीपुरम, तिरुवलूर, चेंगलपट्टू, कुड्डालोर, नागपट्टिनम, थंजावुर, तिरुवरूर और मालियादुथरई शामिल हैं।
चेन्नई (Chennai Rain) समेत कई जिलों में बारिश के कारण हालात खराब हैं। सड़कों पर जलजमाव होने से लोगों को परेशानी हो रही है। मौसम विभाग (IMD) की ओर से गुरुवार को राज्य के अधिकांश हिस्से में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। राज्य के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री केकेएसएसआर रामचंद्रन ने जानकारी दी है कि अब तक बारिश जनित घटनाओं में प्रदेश में 12 लोगों की मौत हुई है।
चेन्नई के अधिकांश हिस्सों में बारिश के कारण जलजमाव होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। 75 हजार अफसरों को ड्यूटी पर लगाया गया है। तमिलनाडु में पूर्वोत्तर मानसून के कारण 1 अक्टूबर से अब तक सामान्य से 50 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है और 90 प्रमुख जलाशयों में से 53 जलाशयों में पानी 76 प्रतिशत भंडारण स्तर तक पहुंच गया है।
क्यों हो रही है बारिश : चेन्नई का मानसून खासतौर पर नॉर्थ ईस्ट के मानसून पर निर्भर करता है। शहर में अक्टूबर से दिसंबर के बीच इस मानसून के चलते खासतौर पर बारिश होती है। मध्य अक्टूबर से शुरू होने वाली पूर्वी हवा आमतौर पर 10 से 20 अक्टूबर के बीच शुरू होती है।
इसे नॉर्थ ईस्ट मानसून कहा जाता है, जो कि तमिलनाडु का प्राथमिक मानसून भी होता है। इस मानसून के चलते तमिलनाडु में पर्याप्त बारिश होती है। हालांकि तमिलनाडु के अलावा देश के अन्य राज्य दक्षिण पश्चिम मानसून पर निर्भर होते हैं, जिसकी शुरुआत मई, जून और जुलाई से होती है।