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हिजाब पर हंगामा : पहनने पर अड़ी 60 छात्राएं, बोलीं- हिन्दुओं को बिंदी और चूड़ियों की इजाजत क्यों? बेलगावी में तनाव

हमें फॉलो करें हिजाब पर हंगामा : पहनने पर अड़ी 60 छात्राएं, बोलीं- हिन्दुओं को बिंदी और चूड़ियों की इजाजत क्यों? बेलगावी में तनाव
, गुरुवार, 17 फ़रवरी 2022 (18:30 IST)
मंगलुरु। कर्नाटक हाईकोर्ट में हिजाब पर सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित हो गई। हाईकोर्ट ने हिजाब विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं के लंबित रहने तक के लिए पिछले हफ्ते अंतरिम आदेश जारी किया था और विद्यार्थियों के भगवा गमछा, हिजाब या किसी तरह का धार्मिक निशान कक्षा में ले जाने पर रोक लगा दी थी। यह विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है क्योंकि कुछ छात्राएं हिजाब और बुर्का के साथ कक्षाओं में जाने की अनुमति दिए जाने की मांग पर अड़ी रहीं।
 
उडुपी जिले के सरकारी जी शंकर मेमोरियल महिला प्रथम श्रेणी डिग्री कॉलेज में पढ़ने वाली अंतिम वर्ष की करीब 60 छात्राओं को गुरुवार को इसलिए घर वापस भेज दिया गया क्योंकि उन्होंने अपना हिजाब उतारने से मना कर दिया था।
मुस्लिम छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन से इस बात को लेकर बहस की कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि डिग्री कॉलेजों में किसी प्रकार की वर्दी संहिता नहीं है लेकिन अधिकारियों ने कहा कि कॉलेज विकास समिति ने नियम तय किए हैं।
 
छात्राओं ने इस बात पर जोर दिया कि वे बिना सिर ढंके कक्षाओं में शामिल नहीं होंगी। उन्होंने कहा कि उनके लिए हिजाब और शिक्षा दोनों महत्वपूर्ण हैं। वे यह भी चाहती थीं कि अगर सरकार ने डिग्री कॉलेजों में वर्दी संहिता लाने का फैसला किया है तो कॉलेज की समिति यह लिखित में दे।
 
एक छात्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि डिग्री कॉलेजों में हिजाब संबंधी नियम लागू नहीं होता है। उन्होंने कहा कि जब हमने इसके बारे में पूछा, तो वे कहते हैं कि केवल कॉलेज समिति का निर्णय यहां लागू होता है।
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उन्होंने कहा कि हिजाब उनके जीवन का हिस्सा है और वे इसे हर समय कक्षाओं में पहनी रहती हैं। उन्होंने कहा कि जब कोई अचानक आपसे इसे उतारने के लिए कहता है तो इसे नहीं उतारा जा सकता है। हमने कॉलेज से हमारे लिए ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करने के लिए कहा है।
 
छात्राओं ने कहा कि जब तक हाईकोर्ट इस मुद्दे पर फैसला नहीं ले लेता तब तक वे कॉलेज आकर कक्षाओं में शामिल नहीं होंगी। कॉलेज में कक्षाएं सुचारू रूप से चल रही हैं। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए कॉलेज परिसर में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
 
इस बीच, उडुपी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिद्दलिंगप्पा ने मीडिया को बताया कि कॉलेज दोबारा खुलने के दूसरे दिन, जिले के सभी कॉलेजों में स्थिति शांतिपूर्ण है।
 
उन्होंने कहा कि उन मुस्लिम छात्राओं को सरकारी जी शंकर कॉलेज में कक्षाओं में शिरकत करने की इजाज़त दी गई है जो हिजाब उतारने की इच्छुक थीं। एमजीएम कॉलेज ने आज छुट्टी का ऐलान किया था और वह शुक्रवार को परीक्षा के लिए खुलेगा।
 
सिर्फ 8 संस्थानों में विवाद : कर्नाटक सरकार ने कहा कि हिजाब विवाद राज्य के कुल 75,000 संस्थानों में से केवल आठ हाई स्कूलों और प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में है। इसके साथ ही सरकार ने इस मुद्दे के समाधान का भरोसा जताया। कर्नाटक के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री बी. सी. नागेश ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यह 'समस्या' केवल कुछ हाई स्कूल और प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज तक ही सीमित है। हम इसका समाधान करेंगे। हमें खुशी है कि सभी विद्यार्थियों ने हमारे आदेश का पालन किया है।
 
बल्लारी में तनाव : बल्लारी में सरला देवी कॉलेज में तनाव पैदा हो गया जब अभिभावकों और विद्यार्थियों ने संस्थान के सामने धरना प्रदर्शन किया क्योंकि अधिकारियों ने अदालत के आदेश का हवाला देते हुए बुर्का के साथ छात्राओं को अंदर जाने की अनुमति नहीं थी। पुलिस और वकीलों के समझाने के बाद प्रदर्शनकारी तितर-बितर हो गए।
 
बेलगावी में विजय इंस्टीट्यूट ऑफ पैरा मेडिकल साइंसेज में, प्रदर्शन से तनाव पैदा हो गया। कॉलेज के सामने धार्मिक नारे लगाने वाले छह लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के मुताबिक, कई लोग जो कॉलेज से जुड़े नहीं थे, उन्होंने प्रदर्शन में हिस्सा लिया। पुलिस ने उनकी पहचान करने के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया। 
 
बिदीं और चूड़ियों की इजाजत क्यों : चित्रदुर्ग महिला पीयू कॉलेज में विद्यार्थियों ने संस्था के बाहर धरना दिया। एक छात्रा ने शिकायत की कि उन्हें 'अपने कॉलेज' में ही अंदर नहीं जाने दिया गया। चिक्कमगलुरु में, विद्यार्थियों ने रैली निकाली और सवाल किया कि अगर रोक है तो हिंदुओं को "बिंदी और चूड़ियों जैसे धार्मिक प्रतीकों" का उपयोग करने की अनुमति क्यों दी गई?

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