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हिमाचल में फटे बादल, बहे पुल और सड़कें, 2 जल विद्युत परियोजनाएं क्षतिग्रस्त

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, गुरुवार, 1 अगस्त 2024 (12:00 IST)
  • हिमाचल में 3 स्थानों पर फटे बादल
  • वर्षा जनित हादसों में 3 लोगों की मौत
  • 50 से अधिक लोग लापता
Himachal rain : हिमाचल प्रदेश में 3 स्थानों पर बादल फटने से 3 लोगों की मौत हो गई तथा करीब 50 लोग लापता हो गए हैं। बारिश के कारण कई मकान बह गए और सड़कें तथा 2 जल विद्युत परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हो गई। ALSO READ: बेसमेंट में भरे पानी ने ली 3 की जान, दिल्ली के बाद जयपुर में भी बड़ा हादसा
 
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, 'शिमला की रामपुर तहसील, मंडी ज़िले की पधर तहसील और कुल्लू के गांव जाओन, निरमंड में बादल फटने से 50 से अधिक लोगों के लापता होने का अत्यंत दुखद समाचार मिला है।'
 
वो लिखते हैं कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, होम गार्ड और फायर सर्विसेज की टीमें राहत, खोज और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। स्थानीय प्रशासन को राहत और बचाव कार्य को सुचारू रूप से करने के निर्देश दिए गए हैं।
सीएम ने कहा- मैं अधिकारियों से संपर्क में हूं और राहत, बचाव कार्यों की मॉनिटरिंग कर रहा हूं। राज्य सरकार हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। 
 
इससे पहले हिमाचल प्रदेश सरकार के मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि शिमला जिले के सरपारा पंचायत के समेज में बादल फटने से 36 लोग लापता हो गए हैं। उन्होंने कहा कि मंडी के टिकन इलाके में बादल फटने की सूचना मिली है। 2 शवों को बरामद किया गया है और 8 लोग लापता हैं। ALSO READ: भारी बारिश से उत्तराखंड में हाहाकार, पहाड़ों से गिरे पत्थर, केदारनाथ यात्रा स्थगित करने की सलाह
 
शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी के अनुसार, शिमला में रामपुर उपमंडल के समाघ खुद (नाला) में बादल फटने से 2 लोगों की मौत हो गई तथा 28 अन्य लापता हो गए। 2 लोगों को घटनास्थल से बचाया गया है।
 
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि राज्य में भारी बारिश और बादल फटने के कारण व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचा है। उन्होंने बताया कि प्रभावित इलाकों में सड़क संपर्क बाधित हुआ है। वाहनों के गुजरने के लिए बनाए 4 पुल और पैदल पुल बह गए हैं, बचाव अभियान संचालित किया जा रहा है।
 
घटनास्थल पर मौजूदा उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, पुलिस और होम गार्ड ने बचाव अभियान शुरू कर दिया है और लापता लोगों की तलाश के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
 
मंडी जिले के पधर में थालटूखोद इलाके में बादल फटने की एक अन्य घटना में बुधवार रात को एक व्यक्ति की मौत हो गई तथा नौ अन्य लापता हो गए। कुछ मकान ढह गए हैं और सड़क संपर्क बाधित हो गया है। मंडी जिला प्रशासन ने भारतीय वायु सेना और एनडीआरएफ से मदद मांगी है।
 
ब्यास नदी के उफान पर होने के कारण चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया है। कुल्लू के भागीपुल में भी मकानों के क्षतिग्रस्त होने की खबरें आ रही हैं और पार्वती नदी तथा मलाना खुद में बाढ़ के कारण कुल्लू के भुंटार इलाके में भी अलर्ट जारी किया गया है।
 
मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण टूट या है और ब्यास नदी का पानी मंडी के पंडोह में कुछ घरों में घुस गया है। कुछ लोगों के लापता होने तथा इलाके में मकानों तथा दुकानों के ढह जाने की भी सूचना है।
 
अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया गया है और प्राधिकारियों का पूरा ध्यान बचाव एवं राहत अभियानों पर है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बादल फटने के बाद सचिवालय में एक आपात बैठक बुलाई है।
Edited by : Nrapendra Gupta 

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