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कहीं बैंक आपके खाते में से तो नहीं काट रहा ये चार्जेस

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, सोमवार, 28 मई 2018 (15:10 IST)
नई दिल्ली। वित्तीय समावेश योजना के तहत खोले गए‘नो-फ्रिल’बैंक खाता धारकों को महीने में चार बार निकासी की सीमा पार करते ही जुर्माने का सामना करना पड़ रहा है। एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक कई बैंक ऐसे खातों में पांचवीं निकासी होते ही इस नो-फ्रिल खाते को नियमित खाते में बदल दे रहे हैं।

‘नो-फ्रिल’ यानी बुनियादी बचत बैंक जमा खाता के लिए खाताधारकों को किसी तरह का शुल्क नहीं देना होता है, लेकिन नियमित बचत खाता पर कई तरह की फीस और शुल्क देय हैं। सामान्य बचत बैंक जमा खाता में एक महीने के भीतर अधिकतम चार नि:शुल्क निकासी की सीमा होती है।

हालांकि जमा के ऊपर सीमा नहीं है। आईआईटी बंबई के प्रोफेसर आशीष दास द्वारा तैयार इस रिपोर्ट के अनुसार नियमों में गड़बड़ी के कारण बैंक सामान्य बचत बैंक जमा खाताधारकों पर अधिक शुल्क लगा रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि पांचवीं निकासी करते ही बैंक उपभोक्ताओं की सहमति के बिना ही एकपक्षीय तरीके से सामान्य बचत बैंक जमा खाता को नियमित खाता में बदल दे रहे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया कि इस योजना की शुरुआत वित्तीय समावेश को बढ़ावा देने के लिए की गई थी, अत: रिजर्व बैंक को इस पर रोक लगाना चाहिए। रिजर्व बैंक ने इस बुनियादी बचत बैंक जमा खाता के तहत ग्राहकों को असीमित कर्ज, हर माह चार निकासी, न्यूनतम शून्य शेष और किसी तरह का कोई शुल्क नहीं लगाने की सुविधा दी हुई है। वित्तीय समावेश पहल के तहत रिजर्व बैंक ने अगस्त 2012 में इस योजना की शुरुआत की थी। वित्तीय समावेश के इस कार्यक्रम को अगस्त 2014 में प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) के शुरू होने से और बढ़ावा मिला। 
 
क्या हैं नो फ्रिल खाते के नियम : इस तरह के अकाउंट के लिए कोई भी मिनिमम बैलेंस खाते में रखना अनिवार्य नहीं होता है आप चाहे तो इसमें बैलेंस जीरो भी कर सकते हैं।
 
- इसमें भी आपको अन्य दूसरे अकाउंट्‍स की तरह एटीएम मिलता है जिससे आप किसी भी एटीएम पर नकद निकासी भी कर सकते हैं और साथ ही कुछ बैंक आपको चेकबुक की भी सुविधा देते हैं।
 
- हर बैंक इस तरह के खाते के लिए कुछ शर्तें लागू करता है जिसमे आपकी ब्रांच से नकद निकासी और जमा राशि पर लागू होती है। 
 
- नो फ्रिल खाते में आपको कुछ बैंक इसमें इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा भी देते हैं ताकि आप आसानी से अपने लेन-देन को कर सकते हैं और बिना बैंक जाए अपने बैलेंस को चेक कर सकते हैं और पैसे भी ट्रांसफर कर सकते हैं।
 
- इस तरह के खाते से भी आप तमाम तरह के बिल भुगतान और रिचार्ज आदि कर सकते हैं। बात बस केवल जमा राशि की है क्योंकि नियम के अनुसार आप इसमें निर्धारित राशि से अधिक रुपए जमा नहीं कर सकते हैं और एक महीने में आपके द्वारा किए जाने वाले लेन-देन की संख्या पर भी बाध्यता होती है।
 
- इस तरह के खाते को खोलने के लिए आपको किसी भी शुरुआती डिपॉजिट करवाने की बाध्यता नहीं होती है। आप चाहें तो बिना कुछ धनराशि को जमा किए भी नो फ्रिल अकाउंट को खोल सकते हैं।

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