कैसे पूरा होगा महिला आरक्षण का सपना? अब भी हैं कई अवरोध

Webdunia
मंगलवार, 19 सितम्बर 2023 (20:36 IST)
Womens Reservation Bill 2023: लोकसभा में मंगलवार को पेश किए गए महिला आरक्षण विधेयक को मूर्त रूप लेने से पहले कई अवरोध पार करने होंगे जिनमें सभी राजनीतिक दलों का समर्थन पाने के साथ जनगणना और परिसीमन की प्रक्रिया जल्द पूरी करना शामिल हैं।
 
महिला आरक्षण से संबंधित ‘संविधान (128वां संशोधन) विधेयक’ के प्रावधानों में स्पष्ट है कि इसके कानून बनने के बाद होने वाली जनगणना के आंकड़ों को पूरा करने के बाद परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने या निर्वाचन क्षेत्रों का पुन: सीमांकन होने के बाद ही यह प्रभाव में आएगा।
ALSO READ: लोकसभा में पेश हुआ नारीशक्ति वंदन विधेयक, महिलाओं को मिलेगा 33 फीसदी आरक्षण
ALSO READ: बिल पास होने पर देश में होंगी 181 महिला सांसद, जानिए कब से लागू होगा आरक्षण?
 
राज्य विधानसभाओं की मंजूरी भी होगी जरूरी : संविधान विशेषज्ञों का कहना है कि संसद के दोनों सदनों द्वारा विधेयक को पारित किए जाने के बाद इसे कानून का रूप देने के लिए कम से कम 50 प्रतिशत राज्य विधानसभाओं की मंजूरी जरूरी होगी। राज्य विधानसभाओं की मंजूरी आवश्यक है क्योंकि इससे राज्यों के अधिकार प्रभावित होते हैं।
 
परिसीमन शुरू होने के बाद ही प्रभाव में आएगा विधेयक : संविधान में अनुच्छेद 334 के बाद जोड़ने के लिए प्रस्तावित नए अनुच्छेद 334 ए के अनुसार, ‘संविधान (128वां संशोधन), विधेयक 2023 के प्रारंभ होने के बाद की गई पहली जनगणना के संगत आंकड़े प्रकाशित होने के बाद इस उद्देश्य के लिए परिसीमन की कवायद शुरू होने के पश्चात विधेयक प्रभाव में आएगा।
 
संविधान के अनुच्छेद 82 (2002 में यथासंशोधित) के अनुसार 2026 के बाद की गई पहली जनगणना के आधार पर परिसीमन प्रक्रिया की जा सकती है। इस लिहाज से 2026 के बाद पहली जनगणना 2031 में होगी जिसके बाद परिसीमन किया जाएगा।
 
सरकार ने 2021 में जनगणना की प्रक्रिया पर कोविड-19 महामारी के मद्देनजर रोक लगा दी थी। 2029 के लोकसभा चुनाव से पहले महिला आरक्षण को वास्तविक रूप देने के लिए सरकार को इस प्रक्रिया को तेजी से पूरा कराना होगा। साल 2011 में जनगणना फरवरी-मार्च में की गई थी और अंतिम आंकड़े उस साल 31 मार्च को जारी किए गए थे। 
 
उद्देश्य पूरा होने पर संशय : विशेषज्ञों ने यह बात भी कही है कि महिलाएं प्रतिनिधि तो चुनी जा सकती हैं, लेकिन वास्तविक अधिकार उनके पतियों के पास रह सकते हैं जैसा कि पंचायत स्तर पर देखा गया। जानी-मानी वकील शिल्पी जैन ने कहा कि अगर आरक्षण के माध्यम से निर्वाचित महिला जन प्रतिनिधि उन्हीं परिवारों से हुईं जिनके पुरुष सदस्य राजनीति में हैं तो महिलाओं के उत्थान का विधेयक का उद्देश्य पूरा नहीं होगा।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

कब-कब हुई भगदड़ की बड़ी घटनाएं, डराने वाले इन आंकड़ों को देखिए

बंगाल की धरती से मोहन भागवत ने बताया RSS का अगला प्लान, हिन्दुओं को लेकर कही बड़ी बात

दिल्ली के CM पर कल खत्म हो सकता है सस्पेंस, शपथ ग्रहण समारोह को लेकर बड़ा अपडेट

अघाड़ी में पड़ी दरार, फडणवीस से मिले उद्धव, शिंदे की शरद पवार ने की तारीफ, महाराष्ट्र में नए सियासी समीकरण

फालतू है कुंभ, लालू यादव ने बताया किसकी गलती से मची नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़

सभी देखें

नवीनतम

Maha Kumbh : महाकुंभ में रविवार को 1.36 करोड़ लोगों ने संगम में लगाई डुबकी, 52.83 करोड़ पहुंचा आंकड़ा, ऐसे किया गया क्राउड मैनेजमेंट

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ के बाद रविवार को क्या रही स्थिति, पढ़िए हर अपडेट

delhi stampede : कब-कब हुई भगदड़ की बड़ी घटनाएं, डराने वाले इन आंकड़ों को देखिए

Mohan Bhagwat : बंगाल की धरती से मोहन भागवत ने बताया RSS का अगला प्लान, हिन्दुओं को लेकर कही बड़ी बात

NDLS Stampede : बच्चों के बैग और बिखरे सामान, खोई हुई जिंदगियों की याद दिलाते भगदड़ के भयावह दृश्य

अगला लेख