मौसम विभाग ने बताया, फरवरी में कैसा रहेगा मौसम? कहां होगी बारिश

मौसम विभाग ने बताया कि उत्तर-पश्चिम और प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर अधिकांश क्षेत्रों में फरवरी में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का पू्र्वानुमान है।

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शनिवार, 1 फ़रवरी 2025 (09:32 IST)
weather in February: जनवरी (January) में गर्म और शुष्क मौसम के बाद फरवरी (February) में भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान और सामान्य से कम बारिश होने की आशंका है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD)ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। फरवरी में बारिश दीर्घावधि औसत (1971-2020) 22.7 मिमी के 81 प्रतिशत से कम होने की आशंका है।
 
अधिकांश हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की आशंका : आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि पश्चिम-मध्य, प्रायद्वीपीय और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की आशंका है। मौसम विभाग ने बताया कि उत्तर-पश्चिम और प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर अधिकांश क्षेत्रों में फरवरी में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का पू्र्वानुमान है।ALSO READ: Weather Update: फिर करवट लेगा मौसम, पश्चिमी विक्षोभ से उत्तर भारत में होगी बारिश, IMD का अलर्ट
 
अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना : महापात्रा ने बताया कि इसी तरह पश्चिम-मध्य और प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर अधिकांश क्षेत्रों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। उन्होंने बताया कि भारत में जनवरी में औसतन 4.5 मिलीमीटर (मिमी) बारिश हुई, जो 1901 के बाद से चौथी बार और 2001 के बाद तीसरी बार सबसे कम बारिश दर्ज की गई।
 
जनवरी में देश का औसत तापमान 18.98 डिग्री सेल्सियस : जनवरी में देश का औसत तापमान 18.98 डिग्री सेल्सियस रहा, जो 1901 के बाद से इस महीने का तीसरा सबसे अधिक तापमान था, जो 1958 और 1990 के बाद सबसे अधिक था। इससे पहले, आईएमडी ने पूर्वानुमान जताया था कि जनवरी से मार्च के बीच उत्तर भारत में वर्षा सामान्य से कम होगी।ALSO READ: Weather Update: मौसम ने ली फिर करवट, उत्तर भारत में फिर से बारिश का अलर्ट, IMD ने किया अलर्ट
 
पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों में सर्दियों (अक्टूबर से दिसंबर) में गेहूं, मटर, चना और जौ जैसी रबी फसलों की खेती होती है और गर्मियों (अप्रैल से जून) में उनकी कटाई की जाती है। मुख्य रूप से पश्चिमी विक्षोभ के कारण सर्दियों में होने वाली वर्षा इन फसलों की वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

50 साल बाद भी मानसिकता नहीं बदली, गांधी परिवार के खिलाफ किसने दिया यह बयान

सोने की चिड़िया की नहीं, भारत को अब शेर बनने का समय आ गया, केरल में ऐसा क्यों बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत

रेव पार्टी पर छापा, पूर्व मंत्री खड़से के दामाद समेत 7 लोग हिरासत में

केंद्रीय विवि में नियुक्ति को लेकर Congress का केंद्र पर निशाना, कहा- OBC, SC-ST को नहीं दी नौकरियां

Mansa devi mandir stampede : हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में किस अफवाह के कारण मची भगदड़? सामने आया कारण, देखें वीडियो

सभी देखें

नवीनतम

INDvsEND : रविंद्र जडेजा-वॉशिंगटन सुंदर के शतक के खिलाफ बेन स्टोक्स ने चली शर्मनाक चाल, ड्रॉ हुआ चौथा टेस्ट

Weather Update : अहमदाबाद और गुजरात के कई हिस्सों में भारी बारिश, मुख्यमंत्री ने स्थिति का जायजा लिया

Bihar SIR : बिहार में 7.24 करोड़ वोटर, एसआईआर के फाइनल आंकड़े जारी, विरोध करने वालों को चुनाव आयोग ने क्या कहा

झारखंड में खुल सकता है एक और सैनिक स्कूल, हेमंत सोरेन सरकार केंद्र को भेजेगी प्रस्ताव

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार पहुंचकर भगदड़ में घायल हुए लोगों का जाना हाल-चाल

अगला लेख