साल 2022 में चुनौतीपूर्ण श्रम सुधार और सामाजिक सुरक्षा कोष के गठन पर रहेंगी नजरें

Webdunia
शनिवार, 1 जनवरी 2022 (00:26 IST)
नई दिल्ली। देश में 4 श्रम संहिताओं को लागू करके सुधारों की एक बड़ी लहर की शुरुआत, अनौपचारिक क्षेत्र के 38 करोड़ से अधिक श्रमिकों को दायरे में लाने के लिए राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा कोष का गठन और कारोबारी सुगमता को बढ़ाना नए साल में श्रम मंत्रालय के एजेंडे में सबसे ऊपर होगा।

अनौपचारिक क्षेत्र के 38 करोड़ से अधिक श्रमिकों का राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के लिए मंत्रालय ने एक बड़े कदम के तौर पर 26 अगस्त, 2021 को ई-श्रम पोर्टल लांच किया था। यह अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों को विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभ सुनिश्चित करने में सरकार की मदद करेगा।

श्रम संहिताओं को आगे बढ़ाने में अब तक काफी प्रगति हुई है। अधिकांश राज्य चार श्रम संहिताओं के लिए मसौदा नियमों के साथ तैयार हैं और केंद्र सरकार ने फरवरी 2021 में अपनी ओर से इन नियमों को मजबूत किया है। यह नई संहिता को लागू करने के लिए जरूरी है।

श्रम संहिता को 2022 में लागू करने के सवाल पर केंद्रीय श्रममंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा, हम उस पर काम कर रहे हैं। हम सामाजिक सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम श्रमिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं। उस उद्देश्य के लिए, जो कुछ भी (जरूरी) होगा, हम करना चाहते हैं।

इन संहिताओं को अनौपचारिक क्षेत्र के कामगारों के लिए काफी अहम माना जा रहा है। अब तक अनौपचारिक क्षेत्र के 17 करोड़ से अधिक श्रमिकों ने ई-श्रम पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है। केंद्र सरकार ने चार श्रम संहिताएं अधिसूचित की हैं। वेतन संबंधी संहिता 2019 को 8 अगस्त, 2019 को अधिसूचित किया गया था।

वहीं औद्योगिक संबंध संहिता 2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य स्थिति संहिता 2020 को 29 सितंबर, 2020 को अधिसूचित किया गया था। सामाजिक सुरक्षा संहिता एक सामाजिक सुरक्षा कोष बनाने का प्रावधान करती है जो अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत लाने में मदद करेगी।

यादव ने उम्मीद जताई कि 2022 में अनौपचारिक क्षेत्र के सभी श्रमिक ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत हो जाएंगे।
उन्होंने कहा, हमने कई पहल की हैं जो दिखाती हैं कि हमारी सरकार गरीबों की देखभाल करती है। विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्त्व में हमारे मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए ई-श्रम पोर्टल को तगड़ी प्रतिक्रिया मिली है।

इसका उद्देश्य असंगठित श्रमिकों के डेटा को पंजीकृत करना है और सामाजिक सुरक्षा संहिता के तहत यह जरूरी है। मुझे इस बात की भी खुशी है कि सभी श्रम संगठनों ने इस मिशन का तहेदिल से समर्थन किया है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना ​​है कि श्रम संहिताओं को लागू करना उतना आसान नहीं होगा। इसकी वजह यह है कि ट्रेड यूनियनों के साथ-साथ उद्योग जगत में भी इस पर मतभेद हैं।

प्रमुख मुद्दों में से एक मजदूरी की परिभाषा के बारे में है जो भत्ते को 50 प्रतिशत पर सीमित करता है और भविष्य निधि एवं ग्रेच्युटी की ज्यादा कटौती का प्रावधान करता है। इसका मतलब होगा कि इसके लागू होने के बाद अंततः कर्मचारियों को हाथ में मिलने वाला वेतन कम हो जाएगा और नियोक्ताओं को भी वेतन संरचना के पुनर्गठन की आवश्यकता होगी।

इसके अलावा औद्योगिक संबंध संहिता में एक प्रावधान है कि 300 श्रमिकों तक की किसी भी इकाई को बंद करने, छंटनी करने के लिए सरकार से अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। वर्तमान में यह सीमा 100 श्रमिकों की है। इसके अलावा, ट्रेड यूनियनों का यह भी दावा है कि ऐसे अन्य प्रावधान हैं जो ट्रेड यूनियनों के गठन को थोड़ा बोझिल बनाते हैं।

यादव ने कहा, हम त्रिपक्षीय (व्यवस्था) के तहत इन मुद्दों पर बात करने के लिए तैयार हैं। कई मंच पहले से ही सक्रिय हैं। श्रम मंत्री के मुताबिक, कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की बैठकों को नियमित कर दिया गया है।

उन्होंने कहा, मानव संसाधन प्रबंधन, अवसंरचना, आईटी, क्षमता निर्माण और जन शिकायतों के लिए हमने पहले ही ईपीएफओ के साथ-साथ ईएसआईसी के तहत उप समितियां नियुक्त की हैं। यह मंत्रालय के कामकाज को मजबूत करेगा। 2022 में साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण के संबंध में मंत्री ने प्रवासी श्रमिकों, घरेलू कामगारों पर चार सर्वेक्षण और दो संस्था सर्वेक्षणों का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा, ये रिपोर्ट 2022 में आएंगी और निश्चित रूप से प्रधानमंत्री के विचारों और मिशन को पूरा करेंगी, जो कि साक्ष्य-आधारित नीति और अंतिम व्यक्ति तक लक्षित वितरण प्रणाली है। मुझे लगता है कि इसके साथ ऐसा होगा।

इसके अलावा हम अपने एनसीएस (नेशनल करियर सर्विस) पोर्टल को भी मजबूत कर रहे हैं। 28 दिसंबर तक एनसीएस मंच पर लगभग 1.7 लाख सक्रिय नियोक्ता दर्ज हैं और लगभग 2.21 लाख सक्रिय रिक्तियां दर्ज हैं। नौकरी की तलाश कर रहे करीब 1.34 करोड़ लोगों ने इस पर अपना नाम दर्ज कराया है। 2021 में ईएसआई योजना का विस्तार 52 जिलों में किया गया, जिसमें 2,31,495 कर्मचारियों को उनके परिवार के सदस्यों के साथ लाया गया।

यह योजना अब देश के 592 जिलों में उपलब्ध है और 2022 तक इस योजना को देश के सभी जिलों में विस्तारित करने का प्रस्ताव है। आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) के तहत 18 दिसंबर तक 1,20,697 प्रतिष्ठानों के माध्यम से 42,82,688 लाभार्थियों को कुल 2,966.28 करोड़ रुपए का लाभ दिया गया है।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

भारत आएंगे चीन के विदेश मंत्री वांग यी, NSA डोभाल से भी मिलेंगे, क्या हो सकता है बातचीत का मुद्दा

'मृत' लोगों के साथ राहुल गांधी की चायपार्टी, चुनाव आयोग को कहा धन्यवाद

तमिलनाडु की PHD छात्रा ने राज्यपाल के हाथों डिग्री लेने से किया इनकार, जा‍निए किस बात से है नाराज...

क्या होता है कर्तव्य निभाना, महिला पुलिस अधिकारी ने बताया, इंटरनेट वायरल, क्यों लोग कर रहे हैं तारीफ

Preview : क्या Game Changer साबित होंगे iPhone 17 Pro के मॉडल्स, क्यों कहा जा रहा है Apples most powerful phones

सभी देखें

नवीनतम

SBI ने ग्राहकों को दिया बड़ा झटका, अब ऑनलाइन पैसा भेजना होगा महंगा

एमपी बोर्ड 10वीं 12वीं एग्जाम- 2026 की तारीखों का ऐलान

ICICI बैंक ने खाते में न्यूनतम राशि की सीमा घटाकर 15,000 रुपए की

Punjab : मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब में मत्था टेका

Karnataka : हिंदू कार्यकर्ता हत्या केस में NIA जांच की मांग, BJP ने राज्यपाल को लिखा पत्र

अगला लेख