जम्मू। ड्रोन हमलों के खतरे, कोरोना और आतंकी खतरों के बीच प्रदेश प्रशासन ने सभी सरकारी अफसरों से कहा है कि वे जम्मू तथा श्रीनगर में होने वाले समारोहों में उपस्थिति सुनिश्चित करें। यह आदेश अंडर सेक्रेटरी लेवल से ऊपर के अफसरों के लिए है। इस बार जम्मू में मुख्य समारोह एमएएम स्टेडियम में होना है जिसे सुरक्षा व्यवस्था के तहत सील कर दिया गया है।
स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान आतंकी हमले की केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की चेतावनी को देखते हुए जम्मू पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है। पुलिस अफसरों और मुलाजिमों की छुट्टियां रद कर दी गई हैं। अंतरराष्ट्रीय सीमा से आतंकियों के राज्य में घुसपैठ की आशंका के मद्देनजर पाकिस्तान की सीमा से सटे क्षेत्रों और पंजाब से लगी सीमा पर कड़ी चौकसी बरती जा रही है। सबसे बड़ा खतरा ड्रोनों से है जिन्हें देखते ही उड़ा देने का आदेश दिया गया है।
केंद्र शासित क्षेत्र प्रशासन ने कोरोनावायरस मामलों में कमी के बाद लोगों को समारोह में भाग लेने की अनुमति देने का फैसला किया है। वाहनों की जांच पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और जम्मू-पठानकोट तथा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर विशेष रूप से जांच की जा रही है। पुलिस ने सभी ट्रक ड्राइवरों और उनके सहायकों का रिकॉर्ड रखने के लिए एक मोबाइल ऐप भी बनाया है ताकि आतंकवादियों के प्रवेश और हथियारों की तस्करी को रोका जा सके।
सीमा की सुरक्षा भी कड़ी कर दी गई है और सभी सीमावर्ती सड़कों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल को तैनात किया गया है और 24 घंटे गश्त और गहन जांच का जिम्मा सौंपा गया है।
जम्मू के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर शांति सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्य समारोह स्थल के आसपास विशेष प्रबंध किए गए हैं और शांति बनाए रखने के लिए लोगों से सहयोग मांगा गया है।
सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि जम्मू कश्मीर में पिछले एक माह से जो ड्रोन हमले हो रहे हैं उससे साफ जाहिर होता है कि आतंकियों के आका हताश हो चुके हैं। कुछ रेडियो संदेश भी पकड़े गए हैं, जो इस बात का संकेत कर रहे हैं कि बीते एक सप्ताह से अपनी मांद में छिपे आतंकियों को उस कश्मीर में बैठे उनके कमांडर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए लगातार कह रहे हैं।
सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े अधिकारी ने बताया कि आतंकी अपनी उपस्थिति का अहसास कराने के लिए किसी सॉफ्ट टारगेट को चुन सकते हैं। वह किसी जगह ड्रोन से बम विस्फोट या सुरक्षाबलों के कैंपों पर हमला कर सकते हैं। आतंकी हमले की आशंका को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था की नए सिरे से समीक्षा कर आवश्यक सुधार किए गए हैं।