नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मंगलवार को लाल किले पर आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम की सुरक्षा में दिल्ली पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किए थे।
देश की आजादी के 70 साल पूरे होने पर आयोजित मुख्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करने से पहले ध्वजारोहण कर स्वतंत्रता दिवस के आयोजन की विधिवत शुरुआत की।
लाल किला और आसपास के इलाके में सुरक्षा के बहुस्तरीय इंतजामों की जिम्मेदारी संभाल रहे दिल्ली पुलिस के लगभग 20 हजार जवान चप्पे-चप्पे पर तैनात रहे। इसके अलावा समूची दिल्ली में सुरक्षा के चाकचौबंद इंतजामों को कारगर बनाने में दिल्ली पुलिस के लगभग 70 हजार जवानों को तैनात किया गया।
स्वतंत्रता दिवस और जन्माष्टमी के पावन पर्व पर राष्ट्रीय राजधानी में आयोजनों की लंबी फेहरिस्त को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने जमीन से लेकर आसमान तक सरकारी, सार्वजनिक और धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा के अप्रत्याशित इंतजाम किए गए हैं।
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्य आयोजन स्थल लाल किले पर प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान केन्द्रीय मंत्रियों, वरिष्ठ राजनयिकों और विदेशी मेहमानों सहित अन्य अतिविशिष्ट लोगों की मौजूदगी को देखते हुए लगभग 9100 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था।
ऐतिहासिक लाल किले को सोमवार से ही कार्यक्रम पूरा होने तक राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने अपने नियंत्रण में ले लिया था। आयोजन स्थल की सुरक्षा में दिल्ली पुलिस की दो दर्जन पराक्रम वेन और त्वरित कार्यबल की टीमें तैनात की गयी थी। इनमें एनएसजी के प्रशिक्षित कमांडो की मौजूदगी वाली 11 पराक्रम वेन सिर्फ लालकिले पर ही तैनात थीं।
लाल किले से लेकर पुरानी दिल्ली के आसपास के इलाकों में चप्पे चप्पे नजर रखने के लिये आयोजन स्थल के आसपास 600 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। इनमें उच्च क्षमता वाले 100 एचडी कैमरे भी शामिल हैं। इनकी मदद से हर आने जाने वाले व्यक्ति की आवाजाही पर सुरक्षाकर्मियों की लगातार नजर बनी रही।
सुरक्षा संबंधी किसी भी तरह के खतरे की स्थिति से निपटने के लिए एनएसजी के विशेष कमांडो को मुख्य आयोजन स्थल लाल किले के अंदरूनी सुरक्षा घेरे में तैनात किया गया। इस घेरे में किसी भी तरह के हवाई हमले को नाकाम करने के लिए एंटीएयरक्राफ्ट गन और अन्य अत्याधुनिक हथियार से लैस विशेष कमांडो दस्ता तैनात थे। (भाषा)