एर्दोआन की कश्मीर संबंधी टिप्पणी को भारत ने बताया अस्वीकार्य, दर्ज कराया कड़ा विरोध

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एर्दोआन की टिप्पणी पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि हम भारत के आंतरिक मामलों पर ऐसी आपत्तिजनक टिप्पणियों को खारिज करते हैं।

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2025 (23:22 IST)
Recep Tayyip Erdogan's Kashmir remark: तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन (Tayyip Erdogan) द्वारा पाकिस्तान की अपनी यात्रा के दौरान कश्मीर (Kashmir) मुद्दे पर टिप्पणी करने के करीब 1 सप्ताह बाद शुक्रवार को भारत ने कहा कि देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के बारे में इस तरह के अनुचित बयान अस्वीकार्य हैं।
 
भारत ने कहा कि उसने यहां तुर्किये के राजदूत के समक्ष इस मामले पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एर्दोआन की टिप्पणी पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि हम भारत के आंतरिक मामलों पर ऐसी आपत्तिजनक टिप्पणियों को खारिज करते हैं।ALSO READ: तुर्किए के राष्‍ट्रपति का पाकिस्‍तान को बड़ा झटका, UN में नहीं उठाया कश्‍मीर मुद्दा, क्‍या यह भारत की जीत है
 
जायसवाल ने भारत के रुख को भी दोहराया कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, हमेशा से रहा है और हमेशा रहेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस पर कोई संदेह या भ्रम नहीं होना चाहिए।
 
किसी दूसरे देश को इस पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं : जायसवाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। किसी दूसरे देश को इस पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। किसी दूसरे देश के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने के बजाय, यह उचित होता कि भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद का उपयोग करने की पाकिस्तान की नीति पर सवाल उठाया जाता, जो जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है।ALSO READ: क्या फडणवीस से नाराज हैं एकनाथ शिंदे? क्यों कहा- मुझे हल्के में मत लेना
 
उन्होंने कहा कि हम भारत के आंतरिक मामलों पर इस तरह की आपत्तिजनक टिप्पणियों को खारिज करते हैं। हमने दिल्ली में तुर्किये के राजदूत के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है। भारत की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता पर इस तरह के अनुचित बयान अस्वीकार्य हैं।
 
क्या कहा था एर्दोआन ने? : पिछले सप्ताह पाकिस्तान की अपनी 2 दिवसीय यात्रा के दौरान एर्दोआन ने कहा कि कश्मीर मुद्दे को बातचीत के जरिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के अनुसार और कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए हल किया जाना चाहिए।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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