नई दिल्ली। भारत और चीन ने वरिष्ठ सैन्य कमांडर स्तर की अगले दौर की वार्ता जल्द ही किसी तारीख पर करने पर सहमति जताई ताकि द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति लाने के लिए पूर्वी लद्दाख में संघर्ष वाले सभी क्षेत्रों से पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी की जा सके।
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा मामलों पर विचार-विमर्श एवं समन्वय के लिये कार्यकारी तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) के तहत 31 मई को बैठक की जिसमें दोनों पक्षों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से लगे भारत-चीन सीमा क्षेत्र के पश्चिमी सेक्टर में स्थिति की समीक्षा की और जल्द सैन्य स्तरीय वार्ता करने का फैसला किया।
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ स्थिति की समीक्षा की और वरिष्ठ कमांडरों की बैठक के अगले दौर को 'यथाशीघ्र' आयोजित करने पर सहमत हुए।
डब्ल्यूएमसीसी के ढांचे के तहत पिछली बैठक नवंबर में हुई थी जबकि सैन्य वार्ता का 15वां दौर 11 मार्च को हुआ था। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में पश्चिमी सेक्टर में एलएसी के इलाकों में मौजूदा स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया। चीनी विदेश मंत्री वांग यी के 24 और 25 मार्च को भारत आने के बाद मंगलवार को लंबित विवाद पर यह पहली बैठक थी।
बयान में कहा गया कि वे इस बात पर सहमत हुए कि दोनों विदेश मंत्रियों के निर्देश के अनुसार, दोनों पक्षों को एलएसी के साथ शेष मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने के लिए राजनयिक और सैन्य माध्यम से चर्चा जारी रखनी चाहिए ताकि द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति की बहाली के लिए स्थितियां उत्पन्न हो सकें।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस संदर्भ में, वे मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ सभी संघर्ष बिंदुओं से पूर्ण वापसी के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए वरिष्ठ कमांडरों की बैठक के अगले (16वें) दौर को जल्द से जल्द आयोजित करने पर सहमत हुए।
चीनी पक्ष द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बैठक को मौजूदा स्थिति पर “स्पष्ट और गहन विचारों के आदान-प्रदान” के रूप में वर्णित किया गया तथा तनाव को और कम करने व सीमावर्ती क्षेत्रों में संयुक्त रूप से शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए दोनों देशों के नेताओं और विदेश मंत्रियों के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति को गंभीरता से लागू करने पर सहमति व्यक्त की गई।
विज्ञप्ति के मुताबिक, दोनों पक्ष राजनयिक और सैन्य माध्यम से संवाद और संचार बनाए रखने, सैन्य निदेशक स्तर की 16वें दौर की वार्ता जल्द से जल्द आयोजित करने और सीमा के पश्चिमी हिस्से में शेष मुद्दों को “परस्पर और समान सुरक्षा सिद्धांत” के तहत हल करने के लिए सहमत हुए।
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि वार्ता में यह याद किया गया कि नवंबर में डब्लूएमसीसी की पिछली बैठक के बाद से दोनों पक्षों ने क्रमशः जनवरी और मार्च में वरिष्ठ कमांडरों की 14वें और 15वें दौर की बैठक की थी।
वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव (पूर्वी एशिया) ने किया, जबकि चीनी दल का नेतृत्व चीनी विदेश मंत्रालय के सीमा और महासागरीय विभाग के महानिदेशक ने किया। एलएसी के संवेदनशील सेक्टर में दोनों पक्षों के करीब 50 से 60 हजार सैनिक फिलहाल मौजूद हैं।