लद्दाख। जम्मू-कश्मीर के लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है। सोमवार देर रात पैंगॉन्ग त्सो झील पर वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारत और चीन के सैनिकों में गोलीबारी की घटना हुई। 1975 के बाद सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच इस तरह से पहली बार फायरिंग हुई है।
समाचार एजेंसी एएनआई ने कहा है कि एलएसी पर पूर्वी लद्दाख में फ़ायरिंग हुई है। बताया जा रहा है कि चीनी सैनिकों ने दक्षिण पैंगोग झील के किनारे फिर घुसपैठ की कोशिश की। भारतीय सैनिकों ने रोका तो गोलियां चलाई। भारत की तरफ से भी जवाबी फायरिंग की गई।
चीन का कहना है कि सोमवार को एलएसी पर तैनात भारतीय सैनिकों ने एक बार फिर गैर-कानूनी तरीके से वास्तविक सीमा रेखा को पार किया और चीनी सीमा पर तैनात सैनिकों पर गोलीबारी की।।
चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने चीनी सेना के एक प्रवक्ता के हवाले से लिखा है कि हालात को स्थिर करने के लिए चीनी सैनिकों को मजबूर होकर जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी।
चीनी सेना के प्रवक्ता सीनियर कर्नल जांग शियूली ने एक बयान जारी कर कहा कि भारतीय सैनिकों ने भारत-चीन सीमा के पश्चिमी हिस्से में एलएसी को पार किया और पंन्गोंग त्सो लेक के दक्षिणी किनारे के नज़दीक शेनपाओ पहाड़ के इलाके में घुस गए।
बयान के अनुसार भारतीय सेना के इस क़दम ने दोनों पक्षों के बीच जो सहमति बनी थी, ये उसका गंभीर उल्लंघन है, और इसने इलाक़े में तनाव बढ़ा दिया है।
उल्लेखनीय है कि LAC के पास दोनों देशों के सैनिकों के बीच लंबे समय से तनाव बरकरार है। दोनों देशों के सैनिकों के बीच बीते 5 जून को गलवान घाटी में बड़ी हिंसक झड़प हुई थी। इसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन को भी भारी नुकसान हुआ था।