निज्जर मामले में भारत सख्त, कनाडा के 6 राजनयिकों को निकाला, 19 अक्टूबर तक छोड़ना होगा देश
नई दिल्ली , मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024 (00:10 IST)
कनाडा ने उच्चायुक्त सहित 6 भारतीय राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है। कनाडा के मीडिया ने सोमवार को एक अज्ञात वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से यह जानकारी दी है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है, जब भारत ने दिल्ली स्थित कनाडा उच्चायोग के 6 सदस्यों को निष्कासित करने की घोषणा की है।
पिछले साल सितंबर में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की संभावित संलिप्तता के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया था। भारत ने कनाडा के आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया था।
ग्लोब एंड मेल अखबार ने कनाडा के अधिकारी के हवाले से कहा कि रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) के पास सबूत है कि छह राजनयिक जून 2023 में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की कथित साजिश में शामिल थे। निज्जर की पिछले साल जून में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
इन 6 को किया गया निष्काशित : दिल्ली स्थित कनाडा के उच्चायोग के तैनात छह वरिष्ठ राजनयिकों को निष्कासित करने का फरमान जारी किया। जिन 6 कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित करने का निर्णय लिया है, उनमें कार्यवाहक उच्चायुक्त श्री स्टीवर्ट रॉस व्हीलर, उप उच्चायुक्त श्री पैट्रिक हेबर्ट, फर्स्ट सेकेट्ररी सुश्री मैरी कैथरीन जोली, फर्स्ट सेकेट्ररी श्री लैन रॉस डेविड ट्राइट्स, फर्स्ट सेकेट्ररी श्री एडम जेम्स चुइप्का, फर्स्ट सेकेट्ररी सुश्री पाउला ओरजुएला शामिल हैं। उन्हें शनिवार, 19 अक्टूबर को मध्य रात्रि के पहले भारत छोड़ने के लिए कहा गया है।
क्या कहा विदेश मंत्रालय ने : विदेश मंत्रालय ने इससे पहले जारी एक बयान में कहा कि कनाडाई उच्चायोग के प्रभारी को आज शाम सचिव (पूर्व) द्वारा तलब किया गया था। उन्हें बताया गया कि कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों और अधिकारियों को आधारहीन निशाना बनाना पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
अपने राजनयिकों को वापस बुलाया : कनाडा उच्चायोग के प्रभारी को यह रेखांकित किया गया कि उग्रवाद और हिंसा के माहौल में, जस्टिन ट्रूडो सरकार के कार्यों ने भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया। हमें उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की वर्तमान कनाडाई सरकार की प्रतिबद्धता पर कोई भरोसा नहीं है।
इसलिए भारत सरकार ने उच्चायुक्त और अन्य लक्षित राजनयिकों और अधिकारियों को वापस बुलाने का फैसला किया है। यह भी बताया गया कि भारत के खिलाफ उग्रवाद, हिंसा और अलगाववाद के लिए ट्रूडो सरकार के समर्थन के जवाब में भारत आगे कदम उठाने का अधिकार सुरक्षित रखता है।
निज्जर की हत्या के बाद से तनाव : आरसीएमपी आयुक्त माइक डुहेम ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, व्यापक हिंसा, हत्याओं और भारतीय सरकार के एजेंट से जुड़ी सार्वजनिक सुरक्षा से संबंधित खतरे की चेतावनी दी।
डुहेम ने बताया कि निज्जर की हत्या के बाद से भारतीय मूल के 10 से ज्यादा लोगों को चेतावनी दी गई है कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि वे भारतीय एजेंटों के निशाने पर हो सकते हैं। आरसीएमपी ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि विभिन्न विभागों की एक टीम ने भारत सरकार के एजेंट द्वारा संचालित आपराधिक गतिविधि की व्यापकता और गहराई तथा कनाडा के नागरिकों और कनाडा में रहने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए उत्पन्न खतरों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई है।
बयान में कहा गया कि कानून लागू करने वाली एजेंसियों की कार्रवाई के बावजूद, नुकसान जारी है, जिससे हमारी सार्वजनिक सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो गया है।
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