नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वैश्विक निवेशकों से भारत की विकास गाथा में भाग लेने का आह्वान करते हुए कहा कि देश इसके बदले उन्हें रिटर्न की गारंटी देता है।
उन्होंने कांग्रेस पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए यह भी कहा कि उनकी सरकार ने पिछले 9 साल में देश में राजकाज के स्तर पर व्यापक स्तर पर बदलाव लाकर देश को नाजुक-पांच की स्थिति से बाहर निकालकर एक सशक्त राष्ट्र बनाया है।
सरकार की उपलब्धियों का जिक्र : मोदी ने एक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए सड़क, निर्माण, मेट्रो नेटवर्क के विस्तार, रेलवे लाइन बिछाने और हवाई अड्डों की संख्या बढ़ाने समेत विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सरकार की विभिन्न उपलब्धियों का जिक्र किया। उन्होंने वैश्विक निवेशकों से भारत की विकास गाथा में भाग लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश इसके बदले रिटर्न की गारंटी देता है।
मोदी ने कहा कि जब आप भारत की विकास गाथा से जुड़ते हैं, तो भारत आपको आगे बढ़ने की गारंटी देता है। भारत की समृद्धि विश्व की समृद्धि है और भारत की वृद्धि विश्व की वृद्धि है।
प्रधानमंत्री ने 'जनमत निर्माण' से जुड़े लोगों पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारे देश में, जनमत तैयार करने वाले अधिकतर लोग हर छह महीने में उसी उत्पाद को फिर से पेश करने में व्यस्त रहते हैं। और इसे दोबारा पेश करने में भी वे उसे नया रूप देने की कल्पना नहीं करते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने दुनिया को दिखाया है कि सशक्त राष्ट्र का क्या मतलब है। जहां पहले पांच नाजुक देशों की बात होती थी, वहीं अब भारत को इसके उलट एक मजबूत और सशक्त राष्ट्र के रूप में पहचाना जाता है। भारत ने दुनिया को दिखाया है कि आपदाओं को अवसरों में कैसे बदला जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि 'नाजुक पांच' शब्दावली का उपयोग 2013 में ब्राजील, इंडोनेशिया, भारत, दक्षिण अफ्रीका और तुर्की के लिए किया गया था। इसका कारण यह था कि निवेशक उच्च रिटर्न की उम्मीद में विकसित बाजारों में निवेश को लेकर उभरते बाजार वाली अर्थव्यवस्थाओं से पूंजी निकाल रहे थे।
वंशवाद पर निशाना : मोदी ने घोटालों के कारण देश की साख को लगे बट्टे को याद करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के कारण लोगों को कई चीजों से वंचित होना पड़ा। युवाओं के हितों की अनदेखी की गई। मोदी ने घोटालों के कारण देश की प्रतिष्ठा के लिए कठिन समय, भ्रष्टाचार के कारण गरीबों के वंचित होने, वंशवाद की वेदी पर युवाओं के हितों की बलि चढ़ाने और भाई-भतीजावाद और नीतिगत पक्षाघात के कारण परियोजनाओं में देरी का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि इसीलिए हमने शासन के हर स्तर पर फिर से कल्पना करने, उसे नया रूप देने का फैसला किया। हमने फिर से कल्पना की कि कैसे सरकार गरीबों को सशक्त बनाने के लिए कल्याणकारी वितरण में सुधार कर सकती है। हमने फिर से कल्पना की कि कैसे सरकार अधिक कुशल तरीके से बुनियादी ढांचा तैयार कर सकती है। हमने फिर से कल्पना की कि सरकार को देश के नागरिकों के साथ किस तरह का संबंध रखना चाहिए।
मोदी ने कल्याणकारी योजनाओं की आपूर्ति की बात की। उन्होंने बैंक खातों, कर्ज, संपत्ति अधिकार, शौचालय, बिजली और खाना पकाने का स्वच्छ ईंधन की बात कही। मोदी ने कहा कि 2014 के बाद 10 करोड़ शौचालय बनाए गए। स्वच्छता दायरा 40 प्रतिशत से नीचे था, लेकिन उसे बढ़ाकर 100 प्रतिशत तक किया गया।
गरीबों को सशक्त बनाया : उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने सरकार ने कल्याणकारी योजनाओं के तहत प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से 28 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित किए। एक तरह से कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि कुछ लोग गरीबी उन्मूलन की बात करते थे, लेकिन वास्तव में वे गरीबों को देश पर बोझ समझते थे और उन्हें उनके हाल पर छोड़ देते थे। उन्होंने कहा कि दूसरी ओर वर्तमान सरकार ने गरीबों को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित किया, ताकि वे देश के विकास में योगदान दे सकें। (भाषा)
Edited by: Vrijendra singh Jhala