जयपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि राजस्थान में पानी की चुनौती का समाधान केंद्र सरकार की प्राथमिकता में है और पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में भी पेयजल और सिंचाई सुविधा का विस्तार करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।
पूर्वी राजस्थान के लिए महत्वपूर्ण पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मांग की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा कि ईआरसीपी और पुराने पार्वती काली सिंध चंबल लिंक को जोड़कर एक बड़ी परियोजना का प्रारूप तैयार किया गया है। इस पर दोनों राज्यों में सहमति होने पर केंद्र सरकार इस पर विचार करेगी।
मोदी धनावड़ (दौसा) में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के एक खंड को राष्ट्र को समर्पित करने के बाद आयोजित सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, राजस्थान में पानी की चुनौती का समाधान भाजपा सरकार की प्राथमिकता है। आप देख रहे हैं कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच केन बेतवा को जोड़ने का काम शुरू हो रहा है। इसी प्रकार पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में भी पीने का पानी और सिंचाई सुविधा का विस्तार करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।
मोदी ने कहा, पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना और पुरानी पार्वती काली सिंध चंबल लिंक को जोड़कर एक बडी परियोजना का प्रारूप तैयार किया गया है। इस प्रारूप को केंद्र सरकार ने राजस्थान और मध्य प्रदेश की सरकारों के साथ साझा किया है। इस प्रस्ताव को नदियों से जुड़ी विशेष समिति ने प्राथमिकता प्राप्त परियोजना में शामिल किया है। जब दोनों राज्यों की सहमति हो जाएगी तो केंद्र सरकार इसको आगे बढ़ाने पर जरूर विचार करेगी।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले आधिकारिक कार्यक्रम में ऑनलाइन जुड़े मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रधानमंत्री से ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का आग्रह किया था।
गहलोत ने कहा कि राजस्थान के 13 जिलों में पेयजल और सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता बेहद जरूरी है। राज्य सरकार अपने संसाधनों से ईआरसीपी के कार्य को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करें, ताकि कार्यों को गति मिले और आमजन को पेयजल उपलब्ध हो सके।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)