बेंगलुरु। एयरो इंडिया शो के माध्यम से सोमवार को बेंगलुरु के आसमान में आज भारत की ताकत और क्षमताएं देखने को मिलीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य के रूप में पेश करते हुए कहा कि यह वैश्विक स्तर पर सैन्य साजोसामान के प्रमुख निर्यातकों में से एक बनने की ओर अग्रसर होगा।
मोदी ने यह टिप्पणी बेंगलुरू के बाहरी इलाके में स्थित येलहंका वायुसेना स्टेशन परिसर में एयरो इंडिया के 14वें संस्करण का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में की।
अधिकारियों ने कहा कि 5 दिवसीय प्रदर्शनी में 700 से अधिक रक्षा कंपनियां और 98 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। एरो इंडिया का यह संस्करण देश को सैन्य विमान, हेलीकॉप्टर, सैन्य उपकरण और नए युग के एवियोनिक्स के निर्माण के लिए एक उभरते हुए केंद्र के रूप में प्रदर्शित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि एयरो इंडिया में लगभग 250 कंपनी से कंपनी समझौते (बी2बी) होने की उम्मीद है, जिससे लगभग 75,000 करोड़ रुपए के निवेश मिलने की उम्मीद है।
मोदी ने इस मौके पर कहा कि 21वीं सदी का 'नया भारत' न तो कोई अवसर गंवाएगा और न ही उसकी मेहनत में कोई कमी आएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज न केवल एक बाजार है, बल्कि कई देशों के लिए एक संभावित रक्षा साझेदार भी है। उन्होंने कहा कि देश विश्वस्तर पर सैन्य साजोसामान के प्रमुख निर्यातकों में से एक बनने की ओर बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि आज, एयरो इंडिया केवल एक शो नहीं, बल्कि यह भारत के आत्मविश्वास और क्षमताओं का भी प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि एयरो इंडिया भारत की नई ताकत और आकांक्षाओं को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि आज हमारी सफलताएं भारत की क्षमता का प्रमाण हैं और स्वदेश में विकसित तेजस विमान इसका एक उदाहरण है।
इस मौके पर विभिन्न वैश्विक रक्षा कंपनियों के शीर्ष अधिकारी और महत्वपूर्ण देशों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में आयोजित एक एयरशो में भारतीय वायुसेना के कई विमानों ने अपनी हवाई ताकत का प्रदर्शन किया। एंरो इंडिया का विषय द रनवे टू ए बिलियन अपॉर्चुनिटीज है। इसका उद्देश्य रक्षा और एयरो स्पेस क्षेत्र में भारत की प्रगति और क्षमताओं को पेश करना है।
अधिकारियों ने कहा कि इस आयोजन का मुख्य जोर सरकार की 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' दृष्टि के अनुरूप स्वदेशी उपकरणों और प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करना और विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी करना है।
उद्घाटन समारोह में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एयरो इंडिया भारत में एयरो स्पेस क्षेत्र के आगे विकास में एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा। सिंह मंगलवार को रक्षा मंत्रियों के एक सम्मेलन की मेजबानी करेंगे, जिसका विषय रक्षा क्षेत्र में संवर्धित जुड़ाव के माध्यम से साझा समृद्धि' होगा।
एयरो इंडिया के प्रमुख प्रदर्शकों में एयरबस, बोइंग, डसॉल्ट एविएशन, लॉकहीड मार्टिन, इज़राइल एरोस्पेस इंडस्ट्री, ब्रह्मोस एयरो स्पेस, आर्मी एविएशन, एचसी रोबोटिक्स, एसएएबी, साफरान, रोल्स रॉयस, लार्सन एंड टुब्रो, भारत फोर्ज लिमिटेड, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) और बीईएमएल लिमिटेड शामिल हैं। (एजेंसी/वेबदुनिया)