NCRB Data : 2021 में भारत के 1.64 लाख से ज्यादा लोगों ने की आत्महत्या, NCRB की रिपोर्ट

Webdunia
रविवार, 4 सितम्बर 2022 (17:46 IST)
नई दिल्ली। देश में 2021 के दौरान आत्महत्या के कारण 1.64 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई और औसतन लगभग 450 लोगों की मौत प्रतिदिन या 18 लोगों की मौत हर घंटे हुई। किसी भी कैलेंडर वर्ष के लिए यह अब तक का सबसे उच्चतम आंकड़ा है।
 
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ‘एक्सीडेंटल डेथ्स एंड सुसाइड्स इन इंडिया - 2021’ रिपोर्ट के आंकड़े के अनुसार आत्महत्या करने वाले लोगों में लगभग 1.19 लाख पुरुष, 45,026 महिलाएं और 28 ट्रांसजेंडर शामिल थे। आंकड़ों के अनुसार कोविड-19 महामारी से पहले के वर्षों की तुलना में 2020 और 2021 में आत्महत्या के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी गई है।
 
गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, 2020 में देशभर में 1.53 लाख लोगों ने आत्महत्या की।
 
रिपोर्ट से पता चला है कि 2019 में आत्महत्या करने वालों की संख्या 1.39 लाख थी, 2018 में यह 1.34 लाख, 2017 में 1.29 लाख जबकि 2020 और 2021 में यह संख्या 1.50 लाख से अधिक थी।
 
एनसीआरबी के अनुसार, वह 1967 से आत्महत्या के मामलों के आंकड़ों का संकलन कर रहा है। उस कैलेंडर वर्ष में इस तरह की मौत के 38,829 मामले दर्ज किए गए थे।
 
इसी समयावधि के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 1984 में देश में आत्महत्या के मामलों की संख्या पहली बार 50,000 के आंकड़े को पार कर गई थी और 1991 में यह 75,000 से ज्यादा हो गई थी।
 
आंकड़ों के अनुसार 1998 में आत्महत्या के मामलों की संख्या एक लाख के आंकड़े को पार कर गई थी।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख