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सीजफायर क्या होता है? भारत और पाकिस्तान में सीजफायर की शुरुआत कब हुई?

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WD Feature Desk

, शनिवार, 10 मई 2025 (19:20 IST)
India Pakistan Ceasefire: भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले कुछ समय से जो हालात बने हुए थे, वे बेहद तनावपूर्ण और चिंता बढ़ाने वाले थे। सीमा पर गोलीबारी, आतंकवादी हमले और राजनीतिक बयानबाज़ी ने आम नागरिकों में असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया था। भारत और पाकिस्तान के इस तनावपूर्ण माहौल के बीच एक राहतभरी खबर सामने आई है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने शनिवार शाम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि दोनों देशों के बीच शाम 5 बजे से संघर्षविराम लागू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के सेना संचालन महानिदेशक (DGMO) ने दोपहर 3:35 बजे भारत के DGMO को फोन किया, और दोनों अधिकारियों ने आपसी सहमति से सीमा पर शांति बनाए रखने और गोलीबारी बंद करने का फैसला लिया।
 
यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान के बीच “पूर्ण और तत्काल संघर्षविराम” पर सहमति बनी है। हालांकि, विक्रम मिसरी ने स्पष्ट किया कि यह बातचीत केवल सीमावर्ती संघर्षविराम से जुड़ी है, और किसी अन्य मुद्दे या स्थान को लेकर अभी कोई अलग चर्चा या निर्णय नहीं हुआ है।
 
इसी बीच क्या आप जानते हैं कि सीजफायर यानी संघर्षविराम आखिर होता क्या है? भारत और पाकिस्तान के बीच यह संघर्षविराम कब, क्यों और किस तरह लागू किया गया था, इसकी पूरी जानकारी जानना जरूरी है।
 
सीजफायर क्या होता है?
सीजफायर एक ऐसा समझौता होता है जिसमें दो या अधिक पक्ष एक निश्चित समय से हथियारबंद कार्रवाइयां रोकने पर सहमत होते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य होता है युद्ध या झड़प को विराम देना, बातचीत का रास्ता खोलना और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना। भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का मतलब है कि लैंड, एयर और वॉटर सीमाओं पर अब गोलाबारी नहीं होगी, सैनिक आमने-सामने नहीं आएंगे और दोनों सेनाओं को आदेश होगा कि वे संयम बरतें।
 
सीजफायर को आम भाषा में युद्धविराम कहा जाता है, जो किसी भी सैन्य संघर्ष को रोकने का एक प्रभावी तरीका होता है। इस समझौते के तहत दोनों देश इस बात पर सहमत होते हैं कि वे एक-दूसरे के खिलाफ सीमा पर कोई आक्रामक गतिविधि नहीं करेंगे। यह समझौता कभी-कभी औपचारिक संधि के रूप में होता है, लेकिन कई बार दोनों पक्ष आपसी बातचीत से ही एक अस्थाई या स्थाई विराम पर सहमति जता देते हैं। अगर इस समझौते के बाद कोई देश गोलीबारी या हमला करता है, तो उसे सीजफायर उल्लंघन कहा जाता है।
 
भारत और पाकिस्तान में सीजफायर की शुरुआत कब हुई?
1947 में आजादी के तुरंत बाद भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू-कश्मीर को लेकर पहला युद्ध हुआ। हालात इतने बिगड़ गए कि संयुक्त राष्ट्र को मध्यस्थता करनी पड़ी। इसके परिणामस्वरूप, साल 1949 में भारत और पाकिस्तान ने मिलकर जम्मू-कश्मीर में एक युद्धविराम रेखा (Ceasefire Line) तय की। इस रेखा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने एक आधिकारिक पत्र भी जारी किया, जिसमें इसे दोनों देशों के बीच दुश्मनी कम करने की दिशा में एक अहम कदम बताया गया। इसके बाद दोनों देशों की सेनाओं के शीर्ष अधिकारियों ने बैठक कर सीजफायर लाइन पर अपनी सहमति दी। कुछ सालों बाद इसे LOC यानि लाइन ऑफ कंट्रोल का नाम दिया गया था।
 
संघर्षविराम केवल कूटनीतिक या सैन्य दृष्टिकोण से ही ज़रूरी नहीं है, बल्कि इसका सीधा प्रभाव आम नागरिकों पर पड़ता है, विशेषकर सीमावर्ती राज्यों के गांवों पर। हालांकि ये बात भी सामने आई है कि भारत अब किसी भी तरह के अगले टेरर अटैक को एक्ट ऑफ वॉर मानेगा।  

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