वाशिंगटन। एक भारतीय रक्षा विशेषज्ञ ने कहा कि भारत, चीन के सैन्य खतरे से निपटने के लिए तैयार है और पाकिस्तान बचाव के लिए परमाणु खतरे का इस्तेमाल करता रहेगा। बहरहाल, वह आतंकवादी कृत्यों को बढ़ावा देकर और अधिक नुकसान पहुंचाएगा।
'भारत की सुरक्षा' पर अहम भाषण देते हुए रक्षा एवं सुरक्षा विश्लेषण संस्थान (इन्स्टीट्यूट ऑफ डिफेन्स एंड सिक्योरिटी एनालिसिस) के पूर्व महानिदेशक वीरेंद्र गुप्ता ने कहा कि पाकिस्तान की आतंरिक स्थिति भारत को चिंताजनक रूप में पेश करने के लिए उसकी सेना और नेताओं को मजबूर करती रहेगी।
हालिया डोकलाम गतिरोध का जिक्र करते हुए गुप्ता ने कहा कि भारत की स्थिति सैन्य और राजनीतिक स्तर पर वर्ष 1962 के मुकाबले बहुत अलग है खासतौर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली नई सरकार में। उन्होंने कहा, 'चीन के सैन्य खतरे से निपटने के लिए भारत तैयार है।'
रक्षा विशेषज्ञ गुप्ता ने सिलिकॉन वैली में नीति विश्लेषण के लिए एक थिंक टैंक ‘फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज’ (एफआईआईडीएस) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, 'पाकिस्तान बचाव के लिए परमाणु खतरे का इस्तेमाल करता रहेगा लेकिन वह आतंकवादी कृत्यों को बढ़ावा देकर और नुकसान पहुंचाएगा।'
गुप्ता ने कहा कि शांति स्थापित करने के निरंतर प्रयासों के बावजूद भारत को राज्य प्रायोजित आतंकवाद से निपटने के लिए खुद को तैयार रखना चाहिए। उन्होंने आतंकवाद का सामना करने के लिए खुफिया एजेंसियों में कई गुना निवेश बढ़ाने की अपील की।
हालिया डोकलाम गतिरोध का जिक्र करते हुए गुप्ता ने कहा कि भारत की स्थिति सैन्य और राजनीतिक स्तर पर वर्ष 1962 के मुकाबले बहुत अलग है खासतौर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली नई सरकार में। (भाषा)