शंकराचार्य परिषद के प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप ने भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग की है। शंकराचार्य ने कहा कि वह जल्दी ही राष्ट्रपति को पत्र लिखकर संविधान की मूल प्रस्तावना में सेक्युलर की जगह हिंदुत्व शब्द शामिल करने की मांग करेंगे।
उन्होंने कहा कि इसके लिए देशभर के साधु-संत उनके साथ हैं, इसलिए राष्ट्रपति को दिए जाने वाले ज्ञापन पर 10 हजार साधु-संतों के हस्ताक्षर होंगे। अगर इतने पर भी हिंदू राष्ट्र घोषित करने की बात को स्वीकार नहीं किया जाता है तो वह दिल्ली में लगभग एक लाख संतों के साथ वे धरना-प्रदर्शन भी करेंगे।
स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि केंद्र सरकार भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करे, आजादी के समय भारत दो टुकड़ों में विभक्त हुआ था। जिसके चलते बाद में इस्लामिक रिपब्लिक पाकिस्तान का गठन हुआ तो फिर भारत हिंदू रिपब्लिक क्यों नहीं बना।
स्वामी आनंद स्वरूप के मुताबिक आपातकाल के समय देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की कूटनीति के तहत संविधान में हिन्दुत्व की जगह सेक्युलर शब्द लिखा गया था। जिस देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ था, जिसके चलते पाकिस्तान इस्लामिक राष्ट्र बना, तो भारत हिंदू राष्ट्र क्यों नही बन सकता? इसलिए देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और कानून मंत्री इसके लिए आवश्यक कदम उठाएं।
शंकराचार्य परिषद जल्द ही हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए देश भर के दस हज़ार साधु-संतों के ज्ञापन राष्ट्रपति को भेजेगा। अब सेक्युलर शब्द को बदलने का समय आ चुका है। इसलिए केंद्र सरकार को तत्काल प्रभावी कदम उठाते हुए भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित कर देना चाहिए।
हिंदू राष्ट्र बनाने के अभियान की शुरुआत शनिवार को हरिद्वार से की गई है, जो पूरे देश में चलाया जाएगा। वही शंकराचार्य ने देश में बढ़ती जनसंख्या वृद्धि पर भी चिंता प्रकट की, उन्होंने कहा कि भारत सरकार को जल्दी ही जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाना चाहिए तथा उसका कड़ाई से पालन कराने की भी आवश्यकता है।