India shares flood data to Pakistan: भारत ने शुक्रवार को कहा कि वह मानवीय आधार पर राजनयिक माध्यमों से पाकिस्तान के साथ बाढ़ से संबंधित आंकड़े साझा कर रहा है, जबकि सिंधु जल संधि निलंबित है। पाकिस्तान पर आरोप है कि पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले में उसका हाथ है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि भारत, इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के माध्यम से पाकिस्तान को बाढ़ संबंधी आंकड़े उपलब्ध करा रहा है।
उन्होंने कहा कि हम आवश्यकता पड़ने पर अपने राजनयिक माध्यमों से पाकिस्तान के साथ बाढ़ के आंकड़े साझा करते रहे हैं। यह आदान-प्रदान इस्लामाबाद स्थित हमारे उच्चायोग के माध्यम से हो रहा है। जायसवाल ने अपनी साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि आपने देखा कि भारत और दुनिया के किन-किन हिस्सों में किस प्रकार की बारिश हो रही है। यह आंकड़े मानवीय आधार पर साझा किए जा रहे हैं।
भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के एक दिन बाद पाकिस्तान के खिलाफ कई दंडात्मक उपायों की घोषणा की थी, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना भी शामिल था। नई दिल्ली ने उस समय कहा था, खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। भारत का कहना है कि सिंधु जल संधि तब तक स्थगित रहेगी, जब तक कि इस्लामाबाद विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं कर देता।
क्या कहा पाकिस्तान ने : दूसरी ओर, पाकिस्तान ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने हाल में आई बाढ़ के बारे में राजनयिक माध्यम से जानकारी साझा की है। साथ ही शिकायत की कि पूर्ववर्ती घटनाओं की तरह जानकारी उतनी विस्तृत नहीं थी। पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने भारत से सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) का पूरी तरह से पालन करने का भी आह्वान किया।
भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के एक दिन बाद पाकिस्तान के खिलाफ कई दंडात्मक कदम उठाए, जिनमें 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित करना भी शामिल था। खान ने कहा कि भारतीय पक्ष ने राजनयिक माध्यमों से विभिन्न नदियों में आई बाढ़ के बारे में कुछ जानकारी जरूर साझा की है। हालांकि, यह पहले जितनी विस्तृत नहीं है।
प्रवक्ता ने कहा कि सिंधु जल आयुक्त के स्थापित माध्यम का उपयोग जानकारी साझा करने के लिए नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में, हम दोहराते हैं कि भारत को सिंधु जल संधि के सभी प्रावधानों का पूरी तरह पालन करना चाहिए। आमतौर पर, ऐसी जानकारी सिंधु जल आयुक्त के माध्यम से साझा की जाती थी। प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान ब्रिक्स समूह में शामिल होने के प्रति गंभीर है और दावा किया कि रूस इसका समर्थन कर रहा है।
चीन में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बैठक के बारे में पूछे गए प्रश्न पर उन्होंने कहा कि मैं यह कह सकता हूं कि पाकिस्तान ब्रिक्स की सदस्यता के लिए गंभीर है और रूस पाकिस्तान के आवेदन का समर्थन करता रहा है। उन्होंने दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय बैठक की विषय-वस्तु के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी।
ब्रिक्स में मूल रूप से ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल थे। इसका 2024 में विस्तार करके इसमें मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात को शामिल किया गया तथा 2025 में इंडोनेशिया भी इसमें शामिल हो गया। अफगानिस्तान की सीमा में पाकिस्तान द्वारा किए गए हमले के संबंध के सवाल पर खान ने कहा कि पाकिस्तान अपने लोगों की सुरक्षा और कल्याण के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता को दोहराता है। उन्होंने कहा कि हमारे सुरक्षा बल और कानून प्रवर्तन एजेंसियां हमारे नागरिकों को आतंकवादी खतरों से बचाने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में लक्षित अभियान चलाती हैं। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala