भारत ने किया मध्यम दूरी की मिसाइल का तीसरा सफल परीक्षण

Webdunia
शुक्रवार, 1 जुलाई 2016 (14:41 IST)
बालेश्वर। भारत ने शुक्रवार को इसराइल के साथ संयुक्त रूप से विकसित की गई सतह से हवा में मार कर सकने वाली नई मिसाइल का सफल प्रायोगिक परीक्षण किया। इससे एक दिन पहले ही ऐसे परीक्षण के दो चरणों को अंजाम दिया गया था।
 
ओडिशा के तट के पास स्थित रक्षा अड्डे से दागी गई इस मिसाइल की मारक क्षमता 70 किलोमीटर है। डीआरडीओ के एक अधिकारी ने कहा कि परीक्षण सफल रहा। इसके साथ ही डीआरडीओ ने दो दिन में मध्यम दूरी की मिसाइलों के तीन लगातार परीक्षण करने का इतिहास रच दिया है।
 
उन्होंने कहा कि यह परीक्षण विभिन्न मानकों की पुष्टि के लिए किया गया था और इसने मिशन की जरूरतों को पूरा किया। मिसाइल का गुरुवार को दो बार सफल प्रायोगिक परीक्षण किया गया था।
 
डीआरडीओ के एक अधिकारी ने कहा कि भारतीय वायुसेना के लिए मध्यम दूरी की मिसाइल (एमआर-एसएएम) का परीक्षण गुरुवार सुबह लगभग 10 बजकर 26 मिनट पर चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) में एक मोबाइल लॉन्चर की मदद से किया गया।
 
अधिकारियों ने कहा कि आईटीआर के पैड-3 पर रखी मिसाइल रेडारों से सिग्नल मिलने के बाद सक्रिय हो गई थी। उन्होंने कहा कि मिसाइल के अलावा इस प्रणाली में मल्टी फंक्शनल सर्विलांस एंड थ्रेट अलर्ट रेडार (एमएफ स्टार) शामिल है। 
 
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के वैज्ञानिक ने कहा कि एमएफ-स्टार के साथ मिसाइल प्रयोगकर्ताओं को किसी भी हवाई खतरे को निष्क्रिय करने की क्षमता से लैस करेगी। उन्होंने कहा कि डीआरडीओ की हैदराबाद स्थित प्रयोगशाला ने इस मिसाइल को इसराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के साथ मिलकर विकसित किया है।
 
अधिकारियों ने कहा कि इससे पहले भारतीय नौसेना ने सतह से हवा में मार सकने वाली लंबी दूरी की मिसाइल (एलआर-एसएएम) का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया था। यह परीक्षण 30 दिसंबर 2015 को पश्चिमी तट पर आईएनएस कोलकाता से किया गया था।
 
अधिकारियों ने कहा कि सतह से हवा में मार सकने वाली इस तरह की मध्यम दूरी की मिसाइलों की मारक क्षमता 50 से 70 किलोमीटर की होती है। ये भारत के शस्त्रागार में मौजूद मिसाइलों के अंतर को पूरा कर सकती हैं।
 
जिले के एक राजस्व अधिकारी ने कहा कि मिसाइल का सुरक्षित परीक्षण सुनिश्चित करने के लिए बालेश्वर जिला प्रशासन ने रक्षा अधिकारियों के साथ सलाह करके आईटीआर लॉन्च पैड-3 के ढाई किलोमीटर के दायरे में रहने वाले 3,652 नागरिकों को शुक्रवार सुबह अस्थायी तौर पर पास के आश्रय केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया था।
 
ओडिशा के 3 तटीय जिलों- बालेश्वर, भद्रक और केंद्रपाड़ा के मछुआरों से कहा गया था कि वे परीक्षण के समय समुद्र (बंगाल की खाड़ी) में न जाएं। (भाषा)
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