केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि भारत 2025 के अंत तक 5,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने यहां उत्तराखंड वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण भारत पिछले एक दशक में हर मोर्चे पर तेजी से आगे बढ़ा है।
शाह ने कहा कि 'दुनिया आज भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रही है। 2014 से 2023 के बीच भारत दुनिया की 11वीं अर्थव्यवस्था से उठकर पांचवीं (सबसे बड़ी) अर्थव्यवस्था बन गया है।'
उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल के दौरान देश ने पहले कभी इतनी बड़ी छलांग नहीं लगाई। उन्होंने इसका श्रेय मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और अपने लक्ष्य को वास्तविकता में बदलने की उनकी क्षमता को दिया।
शाह ने कहा कि मोदी जलवायु परिवर्तन के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं, वह आतंकवाद मुक्त दुनिया के लिए अंतरराष्ट्रीय अभियान की अगुवाई करने के अलावा अपने मेक इन इंडिया कार्यक्रम के जरिये दुनिया की धीमी होती जीडीपी को गति देने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जी-20 दिल्ली घोषणापत्र कूटनीतिक मोर्चे पर भारत की बड़ी उपलब्धि है, जिसे दुनिया आने वाले दशकों तक याद रखेगी।
शाह ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में देश की प्रति व्यक्ति आय दोगुनी हो गई है और इस दौरान देश भर में साढ़े 13 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं।
उन्होंने कहा कि 'आईएमएफ ने भारत को अंधेरे में एक उज्ज्वल स्थान बताया है। मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि 2027 तक, भारत जापान और जर्मनी से आगे निकलकर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। ये अच्छे संकेत हैं। भारत का समय आ गया है।
उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें बताया कि उन्होंने सम्मेलन के लिए दो लाख करोड़ रुपये का निवेश लाने का लक्ष्य रखा है, तो उन्हें लगा कि यह असंभव है।
शाह ने आगे कहा कि 'मैं उन्हें पहले ही विभिन्न कंपनियों के साथ तीन लाख करोड़ रुपये के निवेश समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करने के लिए बधाई देता हूं। दो दिवसीय शिखर सम्मेलन उत्तराखंड के लिए कई नई चीजों की शुरुआत का प्रतीक है। एजेंसियां
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड बनने के दो दशकों के बाद वह विश्वास के साथ कह सकते हैं कि राज्य को अटलजी ने बनाया था और अब इसे मोदीजी बना रहे हैं।