जम्मू। लद्दाख सेक्टर में LAC के उन इलाकों में जहां चीनी सेना कब्जा जमा कर बैठी है, वहां तापमान शून्य से 35 डिग्री नीचे चल रहा है। दोनों मुल्कों की सेनाएं आमने सामने डटी हैं। सैनिक हटाने को वार्ता के 8 बेनतीजा दौर हो चुके हैं। और अब यह बेहद चौंकाने व चेतावनी वाली खबर है कि कुछ इलाकों में चीन भयानक सर्दी के बावजूद अपनी सेना व सैनिक साजोसामान को भारतीय सेना से मात्र 100 मीटर की दूरी पर ले आया है। इसे सैन्य भाषा में आइ-बॉल टू आई बॉल की पोजिशन कहा जाता है।
इसकी पुष्टि उन तस्वीरों से भी हुई हे जो सामने आई हैं। इन तस्वीरों के बकौल, दोनों देशों के कैंप और सैनाओं की तैनाती साफ दिखाई दे रही है। इन तस्वीरों में साफ दिखाई पड़ रहा है कि भारत और चीन के टैंक, आईसीवी और सैनिक एलएसी पर महज 100 मीटर की दूरी पर हैं यानी आई बॉल टू आई बॉल हैं। ये तस्वीरें ऐसे समय में सामने आई हैं जब भारतीय सेना ने एलएसी पार कर भारतीय सीमा में आए एक चीनी सैनिक को पकड़ लिया था और सोमवार को हालांकि भारतीय सेना ने इस चीनी सैनिक को चीन की पीएलए-आर्मी के हवाले कर दिया।
सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही इन तस्वीरों में किसी ने एडिट कर एक लाइन खींचकर एलएसी यानी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल दिखाने की कोशिश की है। साथ ही चीनी भाषा में भारत और चीन की सेनाओं के कैंप, टैंक, इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल्स (आईसीवी, जिन्हें बीएमपी भी कहा जाता है) और सैनिक भी दिखाई पड़ रहे हैं।
ये पहली बार है कि दोनों देशों की सेनाओं की इस तरह तैनाती की तस्वीरें सामने आई हैं। जानकारी के मुताबिक, ये तस्वीरें पैंगोंग-सो झील के दक्षिण में कैलाश रेंज के रेचिन ला दर्रे की हैं। भारत के चुशूल सेक्टर का ये वही इलाका है, जहां क्रिसमस और नववर्ष के अवसर पर थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने दौरा किया था। उस वक्त उन्होनें वहां तैनात सैनिकों का हौसला तो बढ़ाया ही था साथ ही आर्मर्ड (टैंक) ब्रिगेड और मैकेनाइज्ड इंफेंट्री (जिसके अंतर्गत बीएमपी व्हीकल्स आती हैं) की आपरेशनल तैयारियों की समीक्षा की थी।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही ये तस्वीर गूगल-अर्थ से ली गई है और रेचिन ला दर्रे की ही है। खास बात ये है कि ये तस्वीरें ऐसे समय में सामने आई हैं, जब चीन की पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) के एक सैनिक को इसी रेचिन ला दर्रे के करीब भारतीय सेना ने एलएसी पार कर भारत के सैन्य-कैंप में आने के दौरान पकड़ लिया था।
सूत्रों के मुताबिक, बहुत हद तक संभव है कि इन तस्वीरों को जानबूझकर चीन ने इसलिए लीक किया हो ताकि दिखा सके कि भारत और चीन की सैन्य-छावनियां कितनी करीब करीब हैं। ऐसे में सैनिक भटककर दुश्मन देश के खेमें मे जा सकते हैं।
एक अन्य तस्वीर में चीनी सेना के टैंक बड़ी संख्या में दिखाई दे रहे हैं। ये भी इसी रेचिन ला दर्रे से सटे चीनी सीमा की है। हालांकि, ये एलएसी थोड़ी दूर की है लेकिन इससे चीनी सेना की हैवी-डिप्लोयमेंट की जानकारी मिलती है। रक्षा सूत्रों ने इन तस्वीरों की सत्यता की हालांकि पुष्टि नहीं की है पर इनके सच होने से भी इंकार नहीं किया है।