हर समय तैयार रहेगी सेना, चीन सीमा पर यह है बड़ी योजना

Webdunia
शुक्रवार, 13 अक्टूबर 2017 (16:44 IST)
नई दिल्ली। सिक्किम सेक्टर में डोकलाम गतिरोध के कारण उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए सेना ने चीन से लगती सीमा पर सड़क बनाने के काम में तेजी लाने तथा लिपुलेख, नीती, थांगला और त्सांगचोकला जैसे सामरिक रूप से महत्वपूर्ण दर्रों को अगले तीन साल में जोड़ने का निर्णय लिया है।
 
एक साथ दो मोर्चों पर लड़ाई की स्थिति पैदा होने की आशंकाओं के मद्देनजर सेना प्रमुख ने सभी कमानों से हर समय पूरी तरह तैयार रहने को भी कहा है। 
 
सेना के महानिदेशक स्टाफ ड्यूटी लेफ्टिनेंट जनरल विजयसिंह ने शीर्ष सैन्य कमांडरों के पिछले पांच दिनों से यहां चल रहे सम्मेलन के बारे में कहा कि सेना ने उत्तराखंड में चीन से लगती सीमा पर आवागमन सुगम बनाने के लिए सड़क बनाने के काम पर विशेष ध्यान देने का निर्णय लिया है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत नीती, लिपुलेख, थांगला और त्सांगचोकला दर्रों को 2020 तक जोड़ने का बीड़ा उठाया है।
 
 चीन सीमा से लगते विभिन्न सेक्टरों को भी आपस में तथा आसपास के क्षेत्रों से जोड़ने के रोडमैप पर भी विस्तार से विचार विमर्श किया गया।
उन्होंने कहा कि सेना की क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से कुछ सेना फोरमेशनों में संगठनात्मक बदलाव की बारीकियों पर भी गहन मंथन किया गया। उत्तरी कमान के क्षेत्र में सड़क बनाने तथा अन्य ढांचागत सुविधाओं के विकास के लिए सीमा सड़क संगठन को अतिरिक्त धन राशि देने का भी फैसला लिया गया है।
 
सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि सेना को हर समय किसी भी तरह की आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए हथियारों, गोला बारूद और उपकरणों की कमी को दूर करने को प्राथमिकता दिया जाना जरूरी है। जनरल रावत ने कहा कि खरीद के समय संतुलित रूख अपनाया जाना चाहिए और यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि सेना को किस चीज की सबसे अधिक जरूरत है।
 
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी सम्मेलन के दूसरे दिन अपने संबोधन में सेना की मारक क्षमता और दक्षता का चरणबद्ध तरीके से बढ़ाने पर जोर दिया था। देश को बाहरी तथा भीतरी खतरों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार रहने का आह्वान करते हुए उन्होंने सेना से कहा कि वह दुश्मन ताकतों से निपटने के लिए ताकत बढ़ाए। उन्होंने भविष्य की चुनौतियों तथा बदली परिस्थितयों में सेना के एकीकरण को भी जरूरी बताया।
 
सम्मेलन में सेना की तैयारियों के साथ साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में ढांचागत सुविधाओं को बढ़ाने तथा सेना की क्षमता और दक्षता बढ़ाने के उपायों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। इसके साथ ही जूनियर कमीशन अधिकारियों तथा अन्य रैंकों की कैडर समीक्षा, विशेज्ञता के क्षेत्र में महिलाओं के सशक्तीकरण तथा सेना के आधुनिकीरण पर भी विशेष रूप से चर्चा हुई। (वार्ता)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

नाई के पोते, मछुआरे के नाती US राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 3 शादियां कीं, जानिए कितना बड़ा है परिवार

महाकाल मंदिर में फिर फिल्‍मी गाने पर रील बनाई युवती ने, भक्‍तों को आया गुस्‍सा

शामली में मारा गया एक लाख का इनामी अरशद 14 साल की जेल काटकर पिछले साल ही हुआ था रिहा

क्या पटपड़गंज में चल पाएगा AAP उम्मीदवार का फ्री कोचिंग का दांव

इंदौर में कचरे की अवैध खरीद फरोख्त करना पड़ा महंगा, कबाड़ी पर लगा 1 लाख का जुर्माना

सभी देखें

नवीनतम

जर्मनी के पार्क में चाकू से हमला, 2 की मौत

महाकुंभ क्षेत्र के सफाईकर्मियों के लिए आर्ट ऑफ लिविंग का नवचेतना शिविर

250km की रेंज, MG Comet को टक्कर देने आई सस्ती सोलर कार

आधे हिन्दू एक झटके में खत्म हो जाएंगे, राजा भैया के बयान पर क्या बोले अयोध्या के संत-महंत

Jitender Singh Shunty : जितेंद्र सिंह शंटी की प्रोफाइल, शाहदरा में एंबुलेंस मैन पर AAP का दांव

अगला लेख