श्रीनगर। भारतीय सेना के सतर्क जवानों ने कश्मीर में एलओसी से सटे उरी सेक्टर में एक फॉरवर्ड पोस्ट पर कब्जा जमाने की पाक सेना की कोशिश को नाकाम बनाते हुए हमलावर बैट कमांडो अर्थात पाक सेना व आतंकियों के बॉर्डर एक्शन टीम के दो सदस्यों को मार गिराया। पांच के करीब बैट सदस्यों ने हमले को अंजाम दिया था। हमले में भारतीय सेना को कोई क्षति नहीं पहुंची है।
पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम के करीब 5-6 सदस्यों की घुसपैठ की कोशिश सेना ने नाकाम कर दी। उड़ी स्थित कमालकोट-दुलांजा में तड़के इस कोशिश के जवाब में सेना के जवानों ने फायरिंग भी की। जवाब में भारतीय सुरक्षा बलों की मुस्तैदी के चलते उन्हें पीछे हटना पड़ा। भारत की ओर से जवाबी कार्रवाई में फायरिंग भी की गई।
ये घटना उड़ी सेक्टर की फारवर्ड पोस्ट के इलाके में हुई। जब ये हमलावर एलओसी के 300 से 400 मीटर अंदर आ गए थे। जब सेना ने जवाबी करवाई की तो ये वापस पाक पोस्ट की ओर भागने लगे। दावा किया जा रहा है कि दो बैट सदस्यों के शव बरामद कर लिए गए हैं उनके कब्जे से भारी मात्रा में हथियार तथा गोला-बारूद भी बरामद किया गया है।
खुफिया एजेंसियों ने सेना को बैट हमले की प्लानिंग की पहले ही सूचना दी थी, जिसके मद्देनजर सेना ने भी सीमा पर चौकसी बढ़ा रखी थी। हाल के महीनों में पाकिस्तानी सेना के बैट दस्ते से निपटने के लिए सेना ने अब नई योजना बनाई है और उसके नापाक मंसूबों को नाकाम करने के लिए सेना ने स्थानीय कमांडरों को खास निर्देश जारी किए हैं।
उन्होंने बताया कि हमलावरों की संख्या 5 से 6 थी। जवानों की जवाबी कार्रवाई में बैट दस्ते के पांव जल्द उखड़ गए और उसे वापस भागना पड़ा। जवानों ने बैट दस्ते का पीछा भी किया और दो हमलावरों को मार गिराया। बैट के कुछ अन्य सदस्य जख्मी भी हुए हैं।
खूनी टुकड़ी बैट का खूनी इतिहास
- बैट अर्थात बॉर्डर एक्शन टीम कह लिजिए या फिर बार्डर रेडर्स, एलओसी पर छापामार युद्ध में माहिर है।
- ये पाकिस्तान सेना की स्पेशल सर्विस ग्रुप के साथ काम करती है।
- पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई इसे सूचनाएं मुहैया करवाती है।
- बैट एलओसी या सीमा पर दुश्मन के इलाके में एक से तीन किमी अंदर जाकर हमले करती है।
- चार हफ्ते हवाई युद्ध के साथ ही इनकी कुल ट्रेनिंग करीब 8 महीनों की होती है।
- इस टीम का मकसद सीमा पार जाकर छोटे छोटे हमलों को अंजाम देकर दुश्मन में दहशत फैलाना है। हमलों के दौरान बैट इनाम के तौर पर दुश्मन के सिपाहियों का सिर काटकर अपने साथ ले जाती है।
सीमा पर में भारतीय सेना और बैट आमने-सामने
- 26 सितम्बर 2017 को उड़ी में बैट हमले में दो भारतीय जवान शहीद हो गए तथा बैट टीम के दो सदस्य मार गराए गए।
- एक मई 2017 को कृष्णा घाटी में भारतीय सेना की पेट्रोलिंग टीम पर हमला किया गया। दो जवान शहीद हुए। नायब सूबेदार परमजीत सिंह और हेड कांस्टेबल प्रेम सागर के शवों को क्षत-विक्षप्त किया गया।
- 22 नवम्बर 2016 को मच्छेल सेक्टर में बैट के हमले में 3 भारतीय जवान शहीद हुए और एक जवान का सिर काट लिया गया और सिर को वह अपने साथ ले गई।
- 28 अक्टूबर 2016 को एलओसी पर बीएसएफ के सिपाही मनदीप के शव के साथ बर्बरता की गई और फिर वही घटनाक्रम दोहराया गया।
- 8 जनवरी 2013 को पुंछ में एलओसी के पास लांसनायक हेमराज सिंह तथा सुधाकर सिंह की हत्या की गई। बैट टीम हेमराज का सिर काट का अपने साथ ले गई।
- 30 जुलाई 2011 को कुपवाड़ा की गुलदार चोटी पर बैट का हमला हुआ, 6 जवान शहीद हो गए। हमलावर बैट टीम हवलदार जयपाल सिंह तथा देवेंदर सिंह के सिर काट कर अपने साथ ले गई।
- जून 2008 को 2/8 गोरखा राइफल के जवान को केल सेक्टर में पकड़ा गया और फिर उसका सिर काट कर अपने साथ ले गई।
- मई व जून 1999 को करगिल में तैनात कैप्टन सौरभ कालिया और उनके 5 साथियों को बंदी बनाया गया था। करीब 22 दिनों तक जवानों को यातनाएं दी गई थीं और बाद में क्षत-विक्षप्त शवों को भारतीय इलाके में फैंक दिया गया था।