भारत की ताकत को टटोल रही है पाकिस्तानी सेना

सुरेश एस डुग्गर
श्रीनगर। पाकिस्तान से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी पर स्थित भारतीय सेना की अग्रिम सीमा चौकियों पर पाक सेना के हमले खतरे के संकेत हैं। कुछ इसे भड़काऊ गतिविधियां कहते हैं तो कुछ की नजर में इन हमलों के पीछे का मकसद पाक सेना द्वारा अपनी और भारतीय सेना की ताकत को परखने के साथ-साथ भारतीय सैनिकों की सतर्कता तथा उनके हमलों के वे मुकाबले किस प्रकार की नीतियों से करते हैं, यह पता लगाना है।
 
शायद ही कोई दिन बीतता होगा, जब पाक सेना जम्मू कश्मीर से सटी सीमाओं पर भारतीय सीमा चौकियों को हथियाने के नाकाम प्रयास न करती हो। आंकड़ों के मुताबिक, पिछले तीन माह के भीतर 5 और कारगिल युद्ध की समाप्ति के पश्चात ऐसे करीब 904 प्रयास हो चुके हैं, जिनमें भारतीय सेना की अग्रिम सीमा चौकियों पर कब्जा जमाने के लिए कमांडो हमले किए गए।
 
वैसे अधिकतर प्रयास तथा हमले एलओसी पर ही हुए। एलओसी पर यह प्रयास इसलिए भी हुए क्योंकि एलओसी पर कभी शांति के अंतरराष्ट्रीय नियम लागू नहीं होते और दोनों ही पक्षों के तोपखाने हमेशा ही गरजते रहते हैं।
 
 
हालांकि अधिकारियों के अनुसार, सीमा चौकियों पर कब्जे के प्रयास आने वाले खतरे के प्रति संकेत हैं। यह संकेत युद्ध की सीमा तक के खतरे का आभास देते हैं। वैसे भी यह याद रखने योग्य तथ्य है कि सेनाध्यक्ष इसे स्वीकार कर चुके हैं कि एलओसी पर होने वाली छिटपुट घटनाएं दोनों देशों को युद्ध की ओर ले जा रही हैं।
 
इन हमलों के प्रति चौंकाने वाला रहस्योद्‍घाटन सेनाधिकारियों ने यह किया है कि पाकिस्तानी सेना अपनी ताकत को परखना चाहती है। वह यह देखना चाहती है कि युद्ध की स्थिति में वह क्या भारतीय सीमा चौकियों पर कब्जे कर सकती है या नहीं। हालांकि यह सच है कि इन कोशिशों के दौरान माहौल तो पूरी तरह से युद्ध का तैयार किया गया था जिसमें पाक तोपखानों ने भी अपनी अहम भूमिका निभाई। यह बात अलग है कि प्रत्येक ऐसी घटना में पाकिस्तानी सेना को ही मुंह की खानी पड़ी।
 
 
भारतीय सेना की उन सीमा चौकियों, जो अग्रिम होती हैं और जिन पर घुसपैठ को रोकने का दायित्व होता है, पर हमले कर कब्जे करने की कोशिशों के प्रति एक अन्य चौंकाने वाला रहस्योद्‍घाटन यह भी है कि इन हमलों के पीछे का मकसद भारतीय सैनिकों की ताकत तथा सतर्कता को भी परखना होता है।
 
हमलों के दौरान पाक सेना के जवानों का ध्यान अन्य दो बातों पर भी रहा है। इनमें पहली यह थी कि भारतीय सेना किस प्रकार और किस नीति के साथ उसके हमलों का जवाब देती है तो वह क्या एक ही नीति का इस्तेमाल प्रत्येक हमले में करती है या फिर अलग-अलग हमलों में अलग-अलग नीतियों का इस्तेमाल किया जाता है।
 
 
रक्षाधिकारियों के अनुसार, एलओसी के विभिन्न सेक्टरों में पाक सेना के अलग-अलग हमलों में यह भी देखने को मिला है कि एक हमले में मार खाने के उपरांत पाक सेना ने दूसरे हमले में अधिक ताकत का इस्तेमाल किया, क्योंकि वे भारतीय ताकत तथा भारतीय नीतियों का अंदाजा पहले हमले में लगा चुके होते थे। नतीजतन अब भारतीय सेना को अपनी नीतियों को हर बार बदलना पड़ रहा है।

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