भारतीय नौसेना ने हाल में व्यापारिक जहाजों पर हमलों की घटनाओं के मद्देनजर अरब सागर और अदन की खाड़ी में अपने निगरानी तंत्र को बढ़ा दिया है। नौसेना ने अग्रिम पंक्ति के विध्वंसक और युद्धपोत तैनात करके निगरानी के स्तर को बढ़ाया है।
अरब सागर में पोरबंदर तट पर 23 दिसंबर को एक व्यापारिक जहाज पर ड्रोन हमला हुआ था। जहाज के चालक दल में 21 भारतीय शामिल थे।
यह घटना उस वक्त हुई थी जब ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने इजराइल-हमास संघर्ष के बीच लाल सागर में जहाजों पर हमले तेज कर दिए।
वाणिज्यिक कच्चे तेल का टैंकर एमवी साईं बाबा भारत की ओर जा रहा था और उसी दिन दक्षिणी लाल सागर में एक संदिग्ध ड्रोन हमले का शिकार हो गया।
नौसेना ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में लाल सागर, अदन की खाड़ी और मध्य/उत्तरी अरब सागर में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग लेन से गुजरने वाले व्यापारिक जहाजों समुद्री सुरक्षा से संबंधित घटनाएं बढ़ी हैं।
उसने भारतीय तट से लगभग 700 समुद्री मील दूर जहाज एमवी रुएन पर हाल में हुई समुद्री डकैती की घटना का भी जिक्र किया गया है।
नौसेना ने एक बयान में कहा कि भारतीय तट से लगभग 700 समुद्री मील दूर एमवी रुएन पर समुद्री डकैती की घटना, और पोरबंदर से लगभग 220 समुद्री मील दक्षिण पश्चिम में एमवी केम प्लूटो पर हाल में ड्रोन हमला, भारतीय ईईजेड (विशेष आर्थिक क्षेत्र) के करीब समुद्री परिदृश्य में बदलाव का संकेत देता है।
इसमें कहा गया है कि इन घटनाओं के मद्देनजर, भारतीय नौसेना ने मध्य/उत्तरी अरब सागर में समुद्री निगरानी प्रयासों को काफी हद तक बढ़ाया है और बल के स्तर को बढ़ाया है।
बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय समुद्री एजेंसियों के समन्वय से भारतीय नौसेना द्वारा समग्र स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। भारतीय नौसेना क्षेत्र में व्यापारिक जहाजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। भाषा