युगपुरुष धाम फॉलोअप: कहां गया रजिस्टर, पंचकुईया श्मशान में नहीं मिली बच्चों की मौत की एंट्री?

बच्‍चों की कब्र खोदने वाले और नगर निगम दरोगा ने किया वेबदुनिया के सामने खुलासा

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शुक्रवार, 5 जुलाई 2024 (15:15 IST)
मध्य प्रदेश के इंदौर में स्‍थित युगपुरुष आश्रम धाम में अनाथ बच्चों की मौत से जुड़े मामले में लगातार सनसनीखेज खुलासे होते जा रहे हैं। वेबदुनिया की पड़ताल में सामने आया कि आश्रम और अस्पताल में मरने वाले जिन 6 बच्चों को जिस पंचकुइया स्‍थित श्मशान घाट में दफनाया गया था, वहां पहले से ही आश्रम के कुछ और बच्चों के शव चोरी छुपे दफनाए गए थे। यह खुलासा खुद श्मशान में बच्‍चों की कब्र खोदने वाले शख्‍स ने किया है।
इतना ही नहीं, बच्‍चों को दफनाने से पहले जिस रजिस्‍टर में एंट्री की जाती है, वो रजिस्‍टर भी श्मशान में नहीं मिला। जब वेबदुनिया ने इस रजिस्‍टर के बारे में जानकारी मांगी तो पंचकुईया श्मशान के दरोगा गुलाब सिंह ने बताया कि रजिस्‍टर तो एसडीएम साहब आए थे, वो ले गए। इसके साथ ही पास ही में स्‍थित बडी उम्र के शवों को जलाने वाले श्‍मशान घाट का रजिस्‍टर भी गायब है। यहां बिल्‍कुल नया रजिस्‍टर मिला, जिसमें सिर्फ एक पन्‍ने का रिकॉर्ड मिला। पुराना रिकॉर्ड नहीं मिला।

इंदौर नगर निगम के दरोगा गुलाब सिंह को जब यह पूछा गया कि पिछले दो दिनों में कितने शवों को यहां लाकर दफनाया गया तो उन्‍होंने बताया कि मुझे जानकारी नहीं है, मैं 2 बजे के बाद आता हूं और सुबह अलग कर्मचारी आता है।

कहां गया रजिस्‍टर : श्‍मशान ने बच्‍चों की कब्र खोदकर उन्‍हें दफनाने का काम करने वाले कर्मचारी बलदेव ने बताया कि 'हाल ही में मृत हुए छह बच्चों के अलावा कुछ दिन पहले से यहां आश्रम से इक्का-दुक्का मृत बच्चों के शव दफनाने के लिए लाए गए हैं। उन बच्चों के शव को भी ऑटो से आश्रम की एक मैडम और दो कर्मचारी लाए थे। उन्हें भी यही दफनाया गया है। इतना ही नहीं जब श्मशान परिसर में बच्चों को दफनाने से पूर्व जिस रजिस्टर में एंट्री की जाती है। इसकी पड़ताल की गई तो पता चला कि श्मशान स्थित नगर निगम के कार्यालय से बच्चों के अंतिम संस्कार के रिकॉर्ड को दर्ज करने वाला रजिस्टर और रिकॉर्ड ही गायब है। इस बारे में पूछने पर श्‍मशान के दरोगा गुलाब ने बताया कि अधिकारी लोग आए थे, वे रजिस्‍टर ले गए। बता दें कि मौत का रिकॉर्ड रखने और मृत्‍यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए दफनाए गए या जलाए गए शवों की रजिस्‍टर में जानकारी दर्ज की जाती है। लेकिन यह रजिस्‍टर यहां नहीं मिला।

एसडीएम बोलीं, मैं नहीं लाई रजिस्‍टर : युगपुरुष धाम में बच्चों की मौत से जुड़े इस मामले और रजिस्‍टर के गायब होने के बारे में वेबदुनिया ने मल्हारगंज क्षेत्र की एसडीएम निधि वर्मा से चर्चा की तो उन्‍होंने बताया कि वे श्‍मशान घाट से कोई रजिस्‍टर नहीं लाई हैं। उन्‍होंने बताया कि हो सकता है कि जांच दल किसी वजह से रजिस्‍टर वहां से लाया हो।

क्‍या कहा जांच समिति प्रमुख ने : मामले के संज्ञान में आने के बाद इंदौर जिला प्रशासन द्वारा गठित जांच समिति के प्रमुख एडीएम गौरव बेनल का कहना है कि 'अन्य बच्चों को दफनाने संबंधी भी पड़ताल अब की जाएगी। वहीं रजिस्टर कहां है इसका भी पता किया जाएगा। उन्होंने कहा बच्चों से जुड़ा रिकॉर्ड जहां भी होगा, उसे भी बुलवाया जाएगा'

ऑटो में लाए थे शव : चौंकाने वाली बात यह भी सामने आई है कि जिन बच्‍चों की आश्रम में मौत हो गई थी, उनमें से कुछ बच्‍चों को श्‍मशान में दफनाने के लिए ऑटो से लाया गया था। बच्‍चों को ऑटो से श्‍मशान ले जाना और एंट्री रजिस्‍टर का गायब होना कई सवाल खड़े कर रहा है।

शुक्रवार को 7 बच्‍चे और भर्ती किए : एसडीएम निधि वर्मा ने बताया कि 13 बच्‍चों को रिकवरी के बाद डिस्‍चार्ज किया गया है। वहीं उन्‍होंने बताया कि शुक्रवार को 7 और बच्‍चों को आश्रम से अस्‍पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।

आसपास के लोगों को है ये शंका : बता दें कि आसपास रहने वाले कुछ रहवासियों, दुकानदार और ऑटो रिक्‍शा वालों के मुताबिक आश्रम में बच्‍चों की मौत का आंकड़ा ज्‍यादा हो सकता है। लेकिन आश्रम प्रशासन इस मामले को दबाने और छुपाने की कोशिश कर रहा है।

एक्शन में मानवाधिकार आयोग : मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग ने भी युग पुरुष धाम आश्रम में हुई मासूम बच्चों की मौत का संज्ञान लिया है। आयोग के अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने इस मामले में कलेक्टर और स्वास्थ्य अधिकारी से कार्रवाई को लेकर 1 माह में जवाब मांगा है।

बच्चों के स्वास्थ्‍य पर नजर : आश्रम में रह बच्चे अपनी पीड़ा व्यक्त करने में असमर्थ है। ऐसे में डॉक्टरों की टीम 24 घंटे बच्चों के स्वास्थ्य पर नजर रख रही है। आश्रम के बाहर भी एंबुलैंस तैनात की गई है ताकि बीमार बच्चों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया जा सके।

डिस्चार्ज बच्चों को अन्य आश्रम में भेजा : MY अस्पताल में भर्ती बच्चों का स्वास्थ्य अब पहले से बेहतर है। 13 बच्चों को गुरुवार को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। हालांकि प्रशासन ने उन्हें युग पुरुष धाम के स्थान पर परदेशीपुरा स्थित सामाजिक न्याय विभाग के आश्रम में भेज दिया।
Reported by Nrapendra Gupta & Navin Rangiyal

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