क्या कहती है मां के गर्भ में शिशु की हलचल....

Webdunia
शुक्रवार, 5 मई 2017 (11:40 IST)
नई दिल्ली। अधिकतर स्तनपायी पशु पक्षियों की मादाओं में वे अपनी मां के गर्भ में सक्रिय होते हैं जिन्हें मां तो अनुभव कर सकती है लेकिन दूसरे लोग इससे परिचित नहीं होते हैं। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक गर्भवती महिला को दिखाया गया है। इस वीडियो में बच्चे गर्भ में किस तरह की हरकतें करते हैं, उन पलों को दिखाया गया है। 
 
इस वीडियो में साफ तौर से दिख रहा है कि बच्चा मां के गर्भ में किस प्रकार की हरकतें कर रहा है। देखकर ऐसा लग रहा है जैसे शिशु मां के गर्भ में पैर फेंक रहा हो। देखकर ऐसा लग रहा है कि शिशु को दुनिया में आने की हड़बड़ी हो। प्रेग्नेंट वीडियोज को इंस्टाग्राम पेज पर पोस्ट किए गए इस वीडियो को काफी पसंद किया जा रहा है।
 
गर्भ धारण कर चुकी महिलाओं का मानना है कि यह समझने में वक्त लग सकता है कि पेट में जो हल्की फड़फड़ाहट (गर्भस्पंदन) महसूस हो रही है, वह वास्तव में आपके शिशु की हलचल है। गर्भ में होने वाली इन पहली और छोटी हलचलों का अहसास होना अधिकांश गर्भवती मांओं के लिए एक रोमांचक उपलब्धि होती है। इसी तरह का अहसास मादा पशुओं होता है, लेकिन इसे बता पाने की हालत में नहीं होती हैं।
 
जो महिलाएं पहले भी मां बन चुकी हैं वे इन संकेतों से अवगत होती हैं। माताओं को शिशु के हिलने-डुलने का एहसास 16 हफ्तों के आसपास महसूस होने लगता है। अगर 24 सप्ताह तक आपने अपने शिशु की कोई गतिविधि महसूस नहीं की है, तो अपनी डॉक्टर से संपर्क करें। वह आपके शिशु के दिल की धड़कनें सुनेंगी और अल्ट्रासाउंड स्कैन या फिर जरुरत हुई तो किसी और जांच की व्यवस्था करेंगी।
 
हाथी से लेकर चीते और सांप के बच्चे तक मां के गर्भ में देखा जा सकता है। उल्लेखनीय है कि नेशनल जियोग्राफिक की डॉक्युमेंट्री सीरीज 'इन द वूम : एक्स्ट्रीम एनिमल्स' के प्रोड्यूसर पीटर चिन ने दिखाया है कि विभिन्न पशुओं के बच्चे मां के गर्भ में कैसे दिखते हैं। पीटर ने इन तस्वीरों को तैयार करने के लिए थ्री-डायमेंशनल अल्ट्रासाउंड स्कैन, नैनो कैमरा और कंप्यूटर ग्राफिक्स का इस्तेमाल किया है।
 
विदित हो कि पीटर ने 'इन द वूम' डॉक्युमेंट्री 2006 में बनाई थी, लेकिन उन्होंने जानवरों के गर्भस्थ शिशुओं की तस्वीरें 2014 में इम्गर पर शेयर कीं। हालांकि इन्हें पूरी तरह से खींचे गए फोटोग्राफ तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन इन सजीव तस्वीरों से एक स्पष्ट छवि बनती है और यह दशार्ता है कि जानवरों के बच्चे मां के गर्भ में कैसे दिखते हैं।
 
पीटर की 'इन द वूम' डॉक्युमेंट्री सीरीज 1965 में आई थी, लेकिन इससे पहले फोटोग्राफर लेनार्ट नील्सन ने एक क्लासिक सीरीज बनाकर अपने बाद के फोटोग्राफर को प्रेरित किया था। अपनी इस सीरीज में उन्होंने मां के गर्भ में इंसान के भ्रूण से लेकर शिशु के रूप में विकसित होने तक का सफर दिखाया था। यह प्रयोग अन्य मादा प्राणियों के गर्भ में पल रहे उनके बच्चों के भी उतारे गए थे। हाथियों में गर्भकाल 18 से 22 महीने का होता है, जो कि सभी स्तनधारियों (मैमल्स) में सबसे ज्यादा होता है।
 
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