प्राकृतिक आपदा से तबाही में कैसे करें इंश्योरेंस क्लेम, हो सकती है नुकसान की भरपाई...

नृपेंद्र गुप्ता
प्राकृतिक आपदाओं में लोग बेघर हो जाते हैं। उनके घर, मकान, खेत, वाहन सब कुछ बर्बाद हो जाता है। प्राकृतिक आपदा जैसे कि भूकंप, बाढ़, सुनामी की वजह से हुई मौत या नुकसान आमतौर पर इंश्योरेंस प्लान के अंदर नहीं आते। हालांकि, इस तरह की आपदाओं को कवर करने के लिए आप एड-ऑन प्लान चुन सकते हैं।

लोगों को बीमा करते समय प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान का विकल्प जरूर चुनना चाहिए। बीमा कंपनियों को उन संपत्तियों की भरपाई करनी ही होगी, जिसका लोगों ने बीमा कराया था। बशर्ते लोग सही प्रक्रिया का पालन कर इसके लिए आवेदन कर दें। आपको नुकसान का दावा करने में भी ज्यादा देर नहीं करना चाहिए। 
 
बाढ़, भूकंप या किसी तरह की भी आपदाओं के चलते होने वाले नुकसान की भरपाई सिर्फ बीमा ही करा सकता है।  सरकार लोगों की मदद करती है लेकिन वह नाममात्र की होती है। ज्‍यादातर लोगों को यह नहीं पता होता है कि बीमा क्लेम कैसे लिया जाए। 
 
बेहद जरूरी है संपत्ति बीमा : बीमा लेने वाले अधिकतर लोग जीवन या वाहन बीमा तक सीमित रहते हैं। संपत्ति बीमा को हम यह सोचकर नकार देते हैं कि उसे कुछ होने वाला नहीं है। जबकि केरल जैसी घटनाएं एक ही झटके में हमारी सोच को गलत साबित कर देती हैं।

आज के वक्त में जीवन और वाहन बीमा के साथ-साथ संपत्ति बीमा भी बहुत महत्वपूर्ण है। संपत्ति बीमा प्राकृतिक आपदा की स्थिति में आपके घर के सामान और निर्माण को होने वाले नुकसान की भरपाई करने में मददगार साबित होता है।

 
इस बात की चिंता ना करें: आमतौर पर माना जाता है कि अगर पॉलिसी के कागजात खो गए तो क्लेम हासिल नहीं किया जा सकता। लेकिन यह पूरी तरह सही नहीं है। प्राकृतिक आपदा की स्थिति में कंपनियां बीमा धारकों की परेशानी को समझते हुए केवल कुछ जरूरी जानकारी के आधार पर ही क्लेम आवेदन स्वीकार कर लेती हैं। इंश्योरेंस का साल, बीमा धारक का नाम, प्रीमियम आदि के आधार पर आपकी बीमा पॉलिसी की डुप्लिकेट कॉपी मिल जाती है।

 
आसान है प्रक्रिया : आपदा की स्थिति में क्लेम लेना अब पहले के मुकाबले आसान हो गया है। बीमाधारक अपने नुकसान का आकलन करते हुए कंपनी की हेल्पलाइन पर इसकी जानकारी दे सकता है या आसपास स्थिति कार्यालय को सूचित कर सकता है। अधिकतर बीमा कंपनियां प्राकृतिक आपदा के लिए एक अलग विंग बनाकर रखती हैं, ताकि क्लेम का निपटारा जल्द किया जा सके।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

मालेगांव विस्फोट मामला : 17 साल बाद सुनवाई पूरी, 323 गवाह, 34 बयान से पलटे, NIA की अदालत ने क्या सुनाया फैसला

BJP सांसद निशिकांत दुबे ने SC पर उठाए सवाल, धार्मिक युद्ध भड़का रहा सुप्रीम कोर्ट, बंद कर देना चाहिए संसद भवन

1 साल तक नियमित बनाए शारीरिक संबंध, मैसेज ने उड़ाए होश, ब्वॉयफ्रेंड निकला भाई

Mustafabad Building Collapse : कैसे ताश के पत्तों की तरह ढह गई 20 साल पुरानी 4 मंजिला इमारत, 11 की मौत, चौंकाने वाला कारण

क्या Maharashtra में BJP पर भारी पड़ेगा हिन्दी का दांव, क्या 19 साल बाद उद्धव और राज ठाकरे फिर होंगे एकसाथ

सभी देखें

नवीनतम

एक मंदिर, एक श्मशान... RSS प्रमुख मोहन भागवत ने क्‍यों किया यह आह्वान?

सास-दामाद के बाद अब समधन और समधी की Love Story वायरल

राज ठाकरे को शिवसेना से निकलवाने के पीछे उद्धव की पत्नी, नीतेश राणे का बड़ा खुलासा

Nishikant Dubey पर एक्शन की मांग, अवमानना की कार्रवाई के लिए अटॉर्नी जनरल को चिट्ठी, Supreme Court को लेकर दिया था बयान

कौन हैं दिल्ली के पूर्व CM अरविंद केजरीवाल के दामाद, क्या करते हैं काम और कैसे हुई हर्षिता से मुलाकात

अगला लेख