बांग्लादेशी हिदुंओं की चिंता RSS के लिए जरूरी या मजबूरी?
बांग्लादेशी हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के विरोध में भोपाल-इंदौर-उज्जैन में विरोध प्रदर्शन
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ जारी हिंसा और अत्याचार के विरोध में अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) सड़क पर उतर आया है। बुधवार को राजधानी भोपाल समेत प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर, धार्मिक नगरी उज्जैन और जबलपुर में बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ। विरोध प्रदर्शन में हिंदुओं की एकता का प्रदर्शन करते हुए बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को लेकर रोष प्रकट किया गया।
भोपाल में डिपो चौराहे पर हुए प्रदर्शन में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा समेत सरकार के मंत्री विश्वास सांरग और कृष्णा गौर समेत भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा औऱ भगवान दास सबनानी भी पहुंचे। वहीं जबलपुर और उज्जैन में विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में साधु संत भी पहुंचे और उन्होंने अपना विरोध जताया। इसके साथ इंदौर में हुए प्रदर्शन में सरकार के कई मंत्रियों के साथ बड़ी संख्या में भाजपा नेता और संघ से जुड़े पदाधिकारी पहुंचे।
बांग्लादेश में हिदुंओं पर संघ प्रमुख ने जताई थी चिंता?-संघ प्रमुख मोहन भागवत ने इस वर्ष विजयादशमी के अवसर पर नागपुर में आयोजित संघ के स्थापना दिवस समारोह में अपने वार्षिक उद्बोधन में बंग्लादेश में हिन्दुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के साथ हुई हिंसक घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि बंग्लादेश की घटनाओं में विश्व के हिंदू समुदाय के लिए यह संदेश छिपा हुआ है किष असंगठित रहना अत्याचारों को निमंत्रण देना है।
वहीं पिछले दिनों संघ की मथुरा बैठक में भी बांग्लादेश के मुद्दें पर चिंता जताई गई थी। संघ की मथुरा में संपन्न राष्ट्रीय बैठक के समापन के बाद सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र को बंग्लादेश में हिन्दुओं सहित सभी अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाने चाहिए। इसके साथ उन्होंने केंद्र सरकार से भी कहा कि वह बंग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं सहित सभी अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों की सुरक्षा करेगी। सरकार्यवाह ने कहा कि संघ का मत है कि बंग्लादेश के हिंदुओं को वहां से पलायन नहीं करना चाहिए।
वहीं बांग्लादेश में इस्कॉन के चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के बाद हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के नए दौर पर सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि वर्तमान की बांग्लादेश सरकार तथा अन्य एजेंसियां इसे रोकने के जगह सिर्फ मूकदर्शक बनी हुई है। बांग्लादेश के हिन्दुओं की आवाज को दबाने के लिए अन्याय व अत्याचार का नया दौर उभरता दिख रहा है। ऐसे ही शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में हिन्दुओं का नेतृत्व कर रहे इस्कॉन के संन्यासी चिन्मय कृष्ण दास को बांग्लादेश सरकार द्वारा कारावास भेजना अन्यायपूर्ण है। इसके साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तरफ से बांग्लादेश सरकार से यह अपील की गई है कि वे यह सुनिश्चित करें कि बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार तुरंत बंद हों तथा चिन्मय कृष्ण दास को जेल से रिहा किया जाए।
बांग्लादेश हिंदुओं की सुरक्षा पर क्यों अक्रामक हुआ संघ?- बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के ताख्ता पलट के बाद वहां पर हिंदुओं के खिलाफ हिंसा और अत्याचार के मामले तेजी से बढ़ गए। वहीं बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा भारत में चुनावी मुद्दा बन गई। महाराष्ट्र विधानसभा और उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का जिक्र करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बंटेंगे तो कटेंगे का नारा बुलंद कर दिया। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक है तो सेफ है का नारा देकर वोटरों के ध्रुवीकरण का ऐसा कार्ड खेला जिसका फायदा भाजपा को चुनाव में मिला। महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश उपचुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत इस बात का प्रमाण है कि लोकसभा चुनाव में जो हिंदू वोटर बंट गया था वह पूरी तरह एकजुट होकर भाजपा के साथ आया।
हिंदुत्व के फायर ब्रांड नेता और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के "बंटेंगे तो कटेंगे" नारे पर जब संघ के दूसरे नंबर के नेता सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले से पूछा गया तो उन्होंने संघ के दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हुए कहा कि इसके पीछे जो भावना है वह महत्वपूर्ण है। असली मुद्दा एकता का है। सरकार्यवाह ने कहा कि हिंदू एकता सभी की सुरक्षा,विश्व सद्भाव और शांति सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है। उन्होंने उन ताकतों से सावधान रहने की आवश्यकता को रेखांकित किया जो धर्म ,जाति, विचारधारा और अन्य तरीकों से हिंदुओं को बांटने की कोशिश कर रही हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के अब तक सर्वेश्रेष्ठ प्रदर्शन और प्रचंड जीत के पीछे संघ की महत्ती भूमिका मानी जा रही है। ऐसे में अब संघ बांग्लादेश में हिंदुओं के आत्याचार का मुद्दा उठाकर हिंदुओं को एकजुट करने के अवसर के रुप में देख रही है। बांग्लादेश में हिंदुओं के हिंसा के खिलाप पिछले दिनों जिस तरह से विपक्षी दलों खास टीएमसी और कांग्रेस जैसे दल अक्रामक हुए है, ऐसे में अब संघ के साथ भाजपा इस मुद्दें को किसी भी हालत में अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहता है और वह अब जमीन पर उतरकर एक तीर से दो निशाने साध रहा है।