दिव्यांग है लद्दाख का रक्षक, 4 साल से जुटा है अपने काम में, सेना ने किया सलाम

Webdunia
सोमवार, 29 अप्रैल 2019 (11:31 IST)
कश्मीर घाटी को लद्दाख क्षेत्र से जोड़ने वाले 434 किलोमीटर लंबे श्रीनगर-लेह राजमार्ग को रविवार को यातायात के लिए खोल दिया गया। इस मौके पर भारतीय सेना ने तुला नाम के एक दिव्यांग व्यक्ति को विशेष रूप से धन्यवाद दिया। डोजर ड्राइवर तुला ने इस राजमार्ग पर आने वाले खतरनाक जोजिला दर्रे पर विपरीत परिस्थितियों में काम किया है। तुला 4 साल से अपने काम में जुटे हुए थे। तुला की कमजोरी भी उनके काम में बाधा नहीं बन सकी। सामरिक दृष्टि से अहम इस राजमार्ग को बर्फबारी के कारण दिसंबर में बंद किया गया था। कम बर्फबारी के चलते करीब 5 महीने बाद ही इसे खोल दिया गया है।
 
45 वर्ष के तुला सुन या बोल नहीं सकते, लेकिन उसके काम करने के जज्बे को सेना ने भी सलाम किया है। इस मूक योद्धा ने यह सुनिश्चित किया कि वह और उनकी टीम जोजिला दर्रे के काम को समय से पूर्व पूरा करे। यह उनके लिए एक चुनौती भी थी। तुला का एक फोटो भी ट्‍विटर पर शेयर किया गया, जिसमें तुला के कामों की प्रशंसा की गई है। लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लो ने तुला के काम की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि तुला हम सभी के लिए प्रेरणा है।
 
चिनार कोर विशेष रूप से किए गए कार्यों के लिए तुला और उनकी टीम के लिए आभारी थी। उद्घाटन के अवसर पर तुला और उनकी टीम को सभी के लिए प्रेरणा बताया। उन्होंने कहा कि ज़ोजिला दर्रे के कार्य को तेजी से पूरा करने के लिए आपको और आपकी टीम को मेरा सलाम।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

ऑपरेशन सिंदूर और 'उधार का चाकू', क्या है चालबाज चीन का इससे संबंध

सेनेटरी पैड के पैकेट पर राहुल गांधी ने लगवा दी अपनी तस्वीर, बीजेपी ने कर दिया कबाड़ा

पलक्कड़ में Nipah Virus की पुष्टि, लॉकडाउन जैसे हालात, केरल में अलर्ट जारी

कौन है गैंगस्टर अमित दबंग, जिसे शादी के लिए मिली 5 घंटे की पैरोल

प्रधानमंत्री मोदी को त्रिनिदाद एवं टोबैगो का सर्वोच्च नागरिक सम्मान

सभी देखें

नवीनतम

25 साल बाद Microsoft का Pakistan से मोहभंग, आतंकिस्तान को कहा बाय-बाय

यह देश दे रहा बच्चे पैदा करने पर पैसा, दुनियाभर में क्‍यों बढ़ रहा 'प्रोनेटालिज्म'

उत्तराधिकारी की घोषणा टली, 90 साल के दलाई लामा बोले, मैं 30-40 साल और जीवित रहूंगा

महाराष्‍ट्र की राजनीति में नई दुकान... प्रोप्रायटर्स हैं ठाकरे ब्रदर्स, हमारे यहां मराठी पर राजनीति की जाती है

Maharashtra : 20 साल बाद उद्धव-राज साथ, किसे नफा, किसे नुकसान, क्या महाराष्ट्र की राजनीति में लौट पाएगी 'ठाकरे' की धाक

अगला लेख