Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

चंद्रयान 2 पर इसरो प्रमुख का बड़ा बयान, क्या है भारत का अगला प्लान

हमें फॉलो करें चंद्रयान 2 पर इसरो प्रमुख का बड़ा बयान, क्या है भारत का अगला प्लान
, शनिवार, 21 सितम्बर 2019 (11:14 IST)
नई दिल्ली। इसरो प्रमुख के सिवन ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि चंद्रयान 2 का ऑर्बिटर बहुत अच्छे ढंग से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि ऑर्बिटर में 8 इंसट्रूमेंट्‍स है और सभी वह काम अच्छे से कर रहे हैं जिसके लिए वह उन्हें बनाया गया है।
 
सिवन ने कहा कि लैंडर विक्रम से हमारा अभी तक कोई संपर्क नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि हमारी अगली प्राथमिकता गगनयान मिशन है।
 
webdunia
उल्लेखनीय है कि शनिवार तड़के से चांद पर रात शुरू हो गई और अंधकार छाने के साथ ही ‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ से सपंर्क की सभी संभावनाएं अब लगभग खत्म हो गई हैं। हालांकि इसरो अब 14 अक्टूबर को अगले लूनर डे की रोशनी में फिर विक्रम को ढूंढेगा।
 
लैंडर का जीवनकाल एक चंद्र दिवस यानी कि धरती के 14 दिन के बराबर है। सात सितंबर को तड़के ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ में असफल रहने पर चांद पर गिरे लैंडर का जीवनकाल कल खत्म हो जाएगा क्योंकि सात सितंबर से लेकर 21 सितंबर तक चांद का एक दिन पूरा होने के बाद शनिवार तड़के पृथ्वी के इस प्राकृतिक उपग्रह को रात अपने आगोश में ले लेगी।
 
‘विक्रम’ की हार्ड लैंडिंग के कारण 7 सितंबर जमीनी स्टेशन से उसका संपर्क टूट गया था। इसरो तब से ही लैंडर से संपर्क करने के लिए सभी प्रयास करता रहा है, लेकिन अब तक उसे कोई सफलता नहीं मिल पाई है और ‘विक्रम’ की कार्य अवधि पूरी हो गई।
 
इसरो ने आठ सितंबर को कहा था कि ‘चंद्रयान-2’ के ऑर्बिटर ने लैंडर की थर्मल तस्वीर ली है, लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद इससे अब तक संपर्क नहीं हो पाया। ‘विक्रम’ के भीतर ही रोवर ‘प्रज्ञान’ बंद है जिसे चांद की सतह पर वैज्ञानिक प्रयोग को अंजाम देना था, लेकिन लैंडर के गिरने और संपर्क टूट जाने के कारण ऐसा नहीं हो पाया।
 
भारत को भले ही चांद पर लैंडर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ में सफलता नहीं मिल पाई, लेकिन ऑर्बिटर शान से चंद्रमा के चक्कर लगा रहा है। इसका जीवनकाल एक साल निर्धारित किया गया था, लेकिन बाद में इसरो के वैज्ञानिकों ने कहा कि इसमें इतना अतिरिक्त ईंधन है कि यह लगभग सात साल तक काम कर सकता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

जेल में कैसे कटी स्वामी चिन्मयानंद की पहली रात