जम्मू-कश्मीर बाढ़: बचाव कार्य में तेजी की जरूरत

Webdunia
सोमवार, 15 सितम्बर 2014 (09:44 IST)
जम्मू-कश्मीर। जम्मू-कश्मीर में सशस्त्र बलों और एनडीआरएफ ने विभिन्न इलाकों से 1,84,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला है जबकि 4 लाख लोग अब भी फंसे हुए हैं जिन्हें निकालने की चुनौती बनी हुई है। इस बीच राज्य में अब महामारी फैलने का खतरा मंडरा रहा है। पैथर पार्टी ने एक याचिका दायर का अपील की है कि राहत और बचाव में तेजी लाने की सख्त आवश्यकता है वर्ना हालात बेकाबू हो जाएंगे।

उमर ने कहा : राज्य सरकार के प्रति लोगों में जहां गुस्सा भरा हुआ है वहीं लोगों ने सेना और एनडीआरएफ की जमकर तारीफ की। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का कहना है कि हमा प्राथमिक रूप से उन इलाकों पर ध्यान दे रहे हैं जहां व्यक्ति जिंदगी और मौत के बीच फंसा है, जो लोग अपने स्तर पर जैसे-तैसे बचे हैं उनको तो सिर्फ खाने की दिक्कतें हो सकती है।

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि राहत एवं बचाव कार्य तेज किया जा रहा है। साथ ही वह अफवाह फैलाने वालों पर बरसे जो गलत तरीके से बातें फैला रहे हैं कि बचाव कार्य में केवल बाहरी लोगों और वीआईपी लोगों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है न कि घाटी के लोगों पर। उमर ने कहा, ‘राहत कार्य तेजी से जारी है। श्रीनगर में इस तरह की बातें फैल रही हैं कि बचाव कार्य केवल पर्यटकों, वीआईपी और बाहरी मजदूरों तक सीमित है। जब आप संख्या पर गौर करेंगे तो सच्चाई पता चलेगी।’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘सेना ने अकेले कश्मीर के 59 हजार लोगों को बचाया है जबकि एनडीआरएफ ने 10 हजार लोगों को बचाया. इसके अलावा सीआरपीएफ और अन्य एजेंसियों ने बचाया।’

उन्होंने कहा, ‘हेलीकॉप्टर से श्रीनगर से बाहर 13100 लोगों को निकाला गया जो बताता है कि बचाव का बड़ा काम कश्मीर के लोगों पर केंद्रित है जो शहर छोड़कर नहीं गए। मेरा मानना है कि यह बताना महत्वपूर्ण है कि यह पूरा बचाव कार्य केवल बाहरी लोगों पर केंद्रित नहीं था।’ उन्होंने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि श्रीनगर के लोग समझें कि हमारा प्रयास केवल बाहरी लोगों पर केंद्रित नहीं था। हमने उन सभी लोगों को बचाया है जहां तक हम पहुंचे हैं।’

अलगाववादियों का अलगाव जारी :  अलगाववादियों के इशारे पर घाटी के लोग पहले भी सेना और सुरक्षाबलों पर पथराव करते रहे हैं, लेकिन इन हालात में वे मौके का फायदा उठाकर राज्य और केंद्र सरकार के प्रति लोगों में असंतोष भरना चाहते हैं। लोगों को बचाने के लिए ये अलगाववादी तत्व कहीं नजर नहीं आए, लेकिन आपदा से जूझ रहे लोगों को इन्होंने एक बार फिर हाथ में पत्थर थमा दिए। अलगावादी चाहते हैं कि लोगों में भारतीय प्रशासन के प्रति रोष फैले जिससे आने वाले दिनों में ये लोग अलगाववादियों की बातें सुनेंगे।
 
उनके उकसावे में आकर आज कुछ स्थानों पर शरारती तत्वों ने राहतकर्मियों और राहत अभियान में जुटे हेलीकॉप्टरों पर जबरदस्त पथराव किया। एक हेलीकॉप्टर को क्षति पहुंची है। एक स्थान पर सेना के जवानों द्वारा बचाव में हवाई फायरिंग भी की गई। पर इस सबके बावजूद राहत अभियान रोका नहीं गया है।
 
सरकारी का श्रम : दूसरी ओर बाढ़ प्रभावित जम्मू-कश्मीर में महामारी फैलने से रोकने के लिए केन्द्र सरकार ने डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ भेजने सहित अन्य सभी प्रकार की चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराने का आज आश्वासन दिया। बाढ़ प्रभावित राज्य और वहां चल रहे चिकित्सा शिविरों का दौरा करने के बाद केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हषर्वर्धन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। हषर्वर्धन ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल एन. एन. वोहरा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ बैठकें करने के अलावा अधिकारियों से स्थिति पर चर्चा की । बाढ़ के कारण प्रदेश में खसरा फैलने का खतरा है ।

बाढ़ से बचकर बाहर निकले जवाहर नगर के सैकड़ों लोगों के लिए बाढ़ अभी भी सबसे बड़ी त्रासदी है क्योंकि उनके जीवन भर की कमाई और उनके मकान दोनों बाढ़ के मलबे में दबे पड़े हैं और अधिकारियों का कहना है कि उसे साफ करने में महीनों लगेंगे। सशस्त्र बलों की करीब 80 मेडिकल टीमें युद्ध स्तर पर पहले ही काम शुरू कर चुकी हैं।

अवंतिपुरा, पट्टन, अनंतनाग तथा ओल्ड एयरफील्ड में चार फील्ड अस्पताल स्थापित किए गए हैं जहां बीमार लोगों को चिकित्सा सहायता मुहैया कराई जा रही है। अभी तक इन अस्पतालों में 51,476 मरीजों का इलाज किया गया है। इसके अलावा श्रीनगर में भी दो पूर्ण सुसज्जित फील्ड अस्पताल स्थापित किए गए हैं जहां लैब टैस्ट की भी सुविधा उपलब्ध है।

श्रमसाध्य कार्य है मलबा हटाना : बाढ़ से बचकर बाहर निकले जवाहर नगर के सैकड़ों लोगों के लिए बाढ़ अभी भी सबसे बड़ी त्रासदी है क्योंकि उनके जीवन भर की कमाई और उनके मकान दोनों बाढ़ के मलबे में दबे पड़े हैं और अधिकारियों का कहना है कि उसे साफ करने में महीनों लगेंगे।

जवाहर नगर पुश्ता पर बैठे 59 वर्षीय नजीर अहमद मीर असहाय होकर अग्निशमन और आपात विभाग के कर्मचारियों को उनके मकान से पानी निकालते देख रहे हैं। मीर का कहना है, ‘दो दिन पहले मकान पूरी तरह डूबा हुआ था। अब इन लोगों ने कुछ पानी निकाला है।’ पेशे से दुकानदार मीर ने जीवन भर की कमाई मकान पर लगा दी थी और आज उनके पास बदन पर मौजूद कपड़ों के अलावा कुछ नहीं बचा है।

श्रीनगर शहर में बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में शामिल जवाहर नगर से पानी निकालने का काम पिछले चार दिन से चल रहा है। हालांकि पूरी शिद्दत के साथ काम करने के बावजूद इलाके में अभी भी कई फुट पानी भरा हुआ है।

मीर का कहना है, ‘मेरे मकान की दूसरी मंजिल पर पानी का निशान देख रहे हैं। बाढ़ का पानी आया था तो वहां तक पानी भर गया था। अब जाकर कम हुआ है।’ जवाहर नगर के कई इलाकों में अभी भी आठ से दस फुट पानी भरा हुआ है। वहीं दूसरी ओर अनंतनाग जिले में 56 गांव बाढ़ से बरी तरह प्रभावित हुए हैं।

घर वापसी : कश्मीर घाटी से जम्मू के अनंतनाग, सिमथनटोप, किश्तवाड़ मार्ग के जरिए 390 प्रवासी मजदूरों सहित करीब 730 लोगों को अपने घर भेज दिया गया है। एक प्रवक्ता ने बताया कि पूर्ववर्ती डोडा जिले के कुल 349 बाढ़ प्रभावित पीडितों तथा देश के विभिन्न भागों के 390 प्रवासी मजदूरों को अनंतनाग, सिमथानटाप, किश्तवाड़ सड़क मार्ग से अपने घर भेजा गया। मजदूरों में 31 नेपाल के हैं। (भाषा)
Show comments

जरूर पढ़ें

प्रियंका गांधी ने वायनाड सीट पर तोड़ा भाई राहुल गांधी का रिकॉर्ड, 4.1 लाख मतों के अंतर से जीत

election results : अब उद्धव ठाकरे की राजनीति का क्या होगा, क्या है बड़ी चुनौती

एकनाथ शिंदे ने CM पद के लिए ठोंका दावा, लाडकी बहीण योजना को बताया जीत का मास्टर स्ट्रोक

Sharad Pawar : महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों से राजनीतिक विरासत के अस्तित्व पर सवाल?

UP : दुनिया के सामने उजागर हुआ BJP का हथकंडा, करारी हार के बाद बोले अखिलेश, चुनाव को बनाया भ्रष्टाचार का पर्याय

सभी देखें

नवीनतम

Maharashtra Election Results 2024 : महाराष्ट्र में 288 में महायुति ने जीती 230 सीटें, एमवीए 46 पर सिमटी, चुनाव परिणाम की खास बातें

Maharashtra elections : 1 लाख से अधिक मतों से जीत दर्ज करने वालों में महायुति के 15 उम्मीदवार शामिल

प्रियंका गांधी ने वायनाड सीट पर तोड़ा भाई राहुल गांधी का रिकॉर्ड, 4.1 लाख मतों के अंतर से जीत

पंजाब उपचुनाव : आप ने 3 और कांग्रेस ने 1 सीट पर जीत दर्ज की

Sharad Pawar : महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों से राजनीतिक विरासत के अस्तित्व पर सवाल?