पाकिस्तान में गरजे जयशंकर, हर हाल में खत्म करना होगा आतंकवाद

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 16 अक्टूबर 2024 (12:58 IST)
Indian Foreign Minister S Jaishankar in Pakistan: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भाग लेने के लिए पाकिस्तान गए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद पर कड़ा प्रहार करते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा कि हर हाल में आतंकवादियों का खात्म करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हम ऐसे समय में बैठक कर रहे हैं जब दुनिया कठिनाई के दौर से गुजर रही है। 
 
आतंकवाद विरोधी मुद्दों को गंभीरता से उठाते हुए भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि एससीओ आतंकवाद, उग्रवाद और अलगगाववाद के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि साझा चुनौतियों से निपटने के लिए आपसी सहयोग जरूरी है। शांति और विकास सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक नजरिए की जरूरत है। 
 
चीन और पाकिस्तान पर निशाना : उन्होंने सहयोग के लाभ प्राप्त करने के लिए समूह के चार्टर के प्रति प्रतिबद्धता के महत्व को रेखांकित किया। चीन और पाकिस्तान को परोक्ष रूप से निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि सहयोग वास्तविक साझेदारी पर आधारित होना चाहिए, न कि एकतरफा एजेंडे पर। सहयोग आपसी सम्मान, संप्रभु समानता पर आधारित होना चाहिए। इसे क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता को मान्यता देनी चाहिए। 
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Delivered ????????’s national statement at the SCO Council of Heads of Government meeting today morning in Islamabad.

SCO needs to be able and adept at responding to challenges facing us in a turbulent world. In this context, highlighted that:

➡️ SCO’s primary goal of combatting… pic.twitter.com/oC2wHsWWHD

— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) October 16, 2024 >
रूस-यूक्रेन और इजराइल-हमास युद्ध का जिक्र : जयशंकर ने कहा कि हम ऐसे समय में बैठक कर रहे हैं जब दुनिया कठिनाई के दौर से गुजर रही है, 2 बड़े संघर्ष जारी हैं, जिनका पूरे विश्व पर असर होगा। उनका इशारा रूस-यूक्रेन युद्ध और इजराइल-हमास और लेबनान युद्ध की तरफ था। एससीओ बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, हर हाल में आतंकवादियों का खात्मा जरूरी है। 
 
भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि जलवायु की चरम परिस्थितियां, आपूर्ति श्रृंखला संबंधी अनिश्चितताएं, वित्तीय अस्थिरता जैसे विभिन्न प्रकार के व्यवधान विकास को प्रभावित कर रहे हैं। जयशंकर ने कहा कि प्रौद्योगिकी में बहुत संभावनाएं हैं, लेकिन यह कई चिंताएं भी पैदा करती है। उन्होंने कहा कि ऋण गंभीर चिंता का विषय है, विश्व सतत विकास लक्ष्य हासिल करने में पीछे रह गया है। 

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