Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

जमात-ए-इस्लामी पर लगा प्रतिबंध, फिर चुनाव मैदान में उतारेगी आजाद उम्मीदवार

हमें फॉलो करें Jammu and Kashmir

सुरेश एस डुग्गर

जम्मू , रविवार, 25 अगस्त 2024 (19:35 IST)
Jamaat-e-Islami was banned : जिस जमायत-ए-इस्लामी का कश्मीर में दबदबा माना जाता है और जिस पर प्रतिबंध लागू कर आतंकी संगठन घोषित किया जा चुका है, राष्ट्रीय मुख्यधारा में लौटने की इच्छुक तो है पर सरकार की बेरुखी के चलते वह अपने आप को असहाय मान रही है। जमात-ए-इस्लामी चुनाव मैदान में किस्मत आजमाकर अपनी ताकत का प्रदर्शन करना चाहती है पर अब प्रतिबंध के चलते वह अपने सदस्यों को आजाद उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतारने को कमर कस चुकी है।

जानकारी के लिए जमात 1987 से ही चुनाव से दूर रही है, जब उन्होंने आखिरी बार मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट के बैनर तले चुनाव लड़ा था, लेकिन वह मुख्यधारा में प्रवेश करने की अपनी इच्छा दिखाने के लिए चुनावी राजनीति में लौटने के लिए उत्सुक है। जमात के राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि हमें आतंकी संगठन, लोकतंत्र विरोधी कहा जाता है। हम जमात के सदस्य के रूप में चुनाव नहीं लड़ सकते, लेकिन हम यह दिखाना चाहते हैं कि हम लोकतंत्र और संविधान में विश्वास करते हैं।

बताया जा रहा है कि ऐसे में जमात के कुछ नेताओं का आने वाले दिनों में दूसरे और तीसरे चरण में जिन सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, उन पर भी फैसला लिया जाना है। जमात के सूत्रों का कहना था कि उम्मीदवारों पर अंतिम फैसला अभी नहीं हुआ है। वे कहते थे कि हमें पता है कि हमारे पास बहुत कम समय है और रविवार तक हम उम्मीदवारों की सूची जारी कर देंगे। हालांकि वे इसके प्रति आशंकित भी थे और कहते थे कि हमें नहीं पता कि राज्य सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देगी, वे नामांकन स्वीकार करेंगे या नहीं।
ALSO READ: अमित शाह ने जम्मू कश्मीर में नेकां से गठजोड़ पर कांग्रेस से पूछे 10 सवाल
दरअसल चर्चा यह है कि जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनावों में कई सीटों पर अपने पूर्व सदस्यों को स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर उतारने की तैयारी में है। जमात नेताओं ने पहले कहा था कि वे केंद्र द्वारा फरवरी 2019 से यूएपीए एक्ट के तहत लगाए गए प्रतिबंध को हटाने का इंतजार कर रहे हैं। जमायत के सूत्रों ने बताया कि सरकार के साथ कई दौर की बातचीत हुई है। हालांकि शुक्रवार को यूएपीए ने गृह मंत्रालय द्वारा पारित उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें जमात को अधिनियम के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया था।

जमात के सूत्रों ने बताया कि इसके शीर्ष निकाय की बैठक के बाद, इसके पूर्व सदस्यों को स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर उतारने का फैसला किया गया है। संगठन के एक सूत्र ने जानकारी देते हुए कहा कि हमने 10-12 सदस्यों को स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर उतारने का फैसला किया है। ये सीटें उन सीटों पर होंगी, जहां हमें लगता है कि हमें काफी समर्थन हासिल है। पहले चरण में प्रतिबंधित संगठन दक्षिण कश्मीर में कुलगाम, देवसर, बिजबेहरा, जैनपोरा, त्राल, पुलवामा और राजपोरा सहित करीब आधा दर्जन सीटों पर चुनाव लड़ रहा है।
ALSO READ: क्या जम्मू कश्मीर चुनाव से पहले गुलाम नबी आजाद की घर वापसी होगी?
इस पर जमायत के सदस्यों की एक बैठक भी हो चुकी है और बैठक से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि हमने तीन विकल्पों पर गहन चर्चा की। पहला विकल्प था कि एक मोर्चा बनाया जाए और उसके बैनर तले लड़ा जाए। दूसरा विकल्प गठबंधन का हिस्सा बनना था और तीसरा विकल्प था कि निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ा जाए।

जमात के सूत्र ने बताया कि हालांकि किसी भी गठबंधन का हिस्सा बनने से इनकार किया गया, लेकिन सदस्यों की राय थी कि कम समय में कोई मोर्चा पंजीकृत नहीं किया जा सकता है और किसी भी स्थिति में ऐसे उम्मीदवारों को निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ना होगा। इसलिए हमने तीसरा विकल्प चुना। उन्होंने बताया कि चुनाव लड़ने वाले लोग जमात के पूर्व या पंजीकृत सदस्य होंगे।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

उमर अब्दुल्ला का दावा- PDP ने की हमारे घोषणा पत्र की नकल, गठबंधन के खिलाफ न उतारें उम्मीदवार