इस बार की 'अशांति' कश्मीर के लिए होगी भारी

सुरेश एस डुग्गर
श्रीनगर। कश्मीर में बनी हुई शांति बस कुछ दिनों की है। अधिकारियों ने शुक्रवार को इसकी पुष्टि की है कि अलगाववादी और पत्थरबाज जो अशांति भंग की तैयारियों में जुटे हैं उससे निपटने के लिए कश्मीर में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने पैलेट गन के 6 लाख कारतूसों की मांग की है और अगर सूत्रों पर विश्वास करें तो इनकी आपूर्ति अगले कुछ दिनों में पूरी हो जाएगी।
पिछले साल केरिपुब ने पत्थरबाजों से निपटने की खातिर 700 के लगभग पैलेट गनों और सवा लाख कारतूसों का सहारा लिया था, लेकिन अब अधिकारियों को आशंका है कि इस बार अगर हिंसा भड़की तो उसका स्तर पिछले साल से अधिक होगा। कारण स्पष्ट है। आतंकी भी घुसपैठ करने में कामयाब रहे हैं और पत्थरबाज नई नीतियों पर चलते हुए सुरक्षाबलों के आतंकवाद विरोधी अभियानों में रुकावटें पैदा कर रहे हैं।
 
अधिकारी कहते हैं कि इन 700 पैलेट गनों का इस्तेमाल सिर्फ श्रीनगर में हो रहा था लेकिन अब हिंसक आंदोलन सारी वादी में तेजी पकड़ने लगा है तो ऐसे में कश्मीर के अन्य हिस्सों में तैनात केरिपुब की कंपनियों ने भी पैलेट गनों की मांग की है ताकि वे प्रदर्शनकारियों पर सीधे तौर पर गोलियां न दागें।
 
हालांकि अधिकारियों का कहना है कि इस बार पैलेट गनों की जो नई खेप आने वाली है वह डिफलेक्टरों के साथ तैयार की गई है जिस कारण दागे गए कारतूस प्रदर्शनकारी की छाती से ऊपर के हिस्से पर कोई प्रभाव नहीं डालेंगें लेकिन कश्मीर में जो 1200 से अधिक प्रदर्शनकारी अपनी आंखों की रोशनी खो चुके हैं, उनको देखकर नहीं लगता कि प्रदर्शनकारियों की छाती या पांव को निशाना बनाकर पैलेट गन के कारतूस फायर किए गए होंगे।
 
यही कारण था कि केरिपुब की ओर से पैलेट गन तथा लाखों की संख्या में कारतूस मंगवाने के आग्रह से कश्मीर में अभी से हाहाकर मचना आरंभ हो गया है। कश्मीरियों का कहना है कि केंद्र सरकार कश्मीरियों को अंधा बनाने पर जुटी हुई है और इसके विरुद्ध प्रदर्शन भी आरंभ हो गए हैं।
 
इस मसले पर विपक्षी दल ही नहीं, बल्कि अधिकतर पीडीपी नेता भी एकजुट हैं, जिनका कहना है कि कश्मीर में प्रदर्शनकारियों से निपटने की खातिर पैलेट गन जैसे हथियार का इस्तेमल नहीं होना चाहिए, पर लगता है कश्मीर जल्द ही अंधों की बस्ती बन जाएगा, क्योंकि सुरक्षाबलों को प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए इससे अधिक प्रभावशाली कोई हथियार नजर नहीं आ रहा है।
Show comments

जरूर पढ़ें

Changur Baba : छांगुर बाबा की पूरी कहानी, धर्मांतरण का रैकेट और करोड़ों की संपत्ति, STF और ATS के चौंकाने वाले खुलासे

भारत में पहली बार डिजिटल जनगणना : अब खुद भर सकेंगे अपनी जानकारी

प्रियंका और माही की बीमारी के आगे क्‍यों लाचार हुए पूर्व CJI, क्‍या है उनका बंगला कनेक्‍शन

UP : अंबेडकरनगर सरकारी आवास से मिले 22.48 लाख रुपए के 100 और 500 के पुराने नोट, ACMO की 11 साल पहले हुई थी मौत, बेड और अटैची से मिलीं नोटों की गड्डियां

क्यों डरे हुए हैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, घर और बाहर दोनों जगह घिरे

सभी देखें

नवीनतम

पंजाब में बड़ी आतंकी साजिश नाकाम, हथियारों का जखीरा बरामद

चीन-पाकिस्तान-बांग्लादेश का गठजोड़ भारत के लिए बड़ा खतरा, CDS जनरल अनिल चौहान की चिंता

राजस्थान के चूरू जिले में वायुसेना का लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त

ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना के राफेल विमान नष्ट होने का राज खुला, दसॉ एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने बताया सच

वडोदरा में पुल गिरने से 10 की मौत, हादसे का जिम्मेदार कौन?

अगला लेख