नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा तीन पुलिसकर्मियों के अपहरण और उनकी हत्या के बाद कुछ विशेष पुलिस अधिकारियों (एसपीओ) के इस्तीफे के बारे में मीडिया में आ रही खबरों को गृह मंत्रालय ने शरारती तत्वों का दुष्प्रचार करार देते हुए गलत बताया है।
मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि मीडिया में आई कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर में कुछ एसपीओ ने इस्तीफा दे दिया है। जम्मू कश्मीर पुलिस ने पुष्टि की है कि ये रिपोर्ट गलत और किसी विशेष उद्देश्य से प्रेरित हैं। ये मीडिया रिपोर्ट शरारती तत्वों के दुष्प्रचार पर आधारित हैं।
सूत्रों ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में पेशेवर और कार्य के प्रति समर्पित पुलिसबल है जो पंचायत तथा शहरी निकायों के चुनाव सहित सभी तरह की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। राज्य में 30 हजार से अधिक एसपीओ हैं और उनकी सेवा की समय-समय पर समीक्षा की जाती है।
उन्होंने कहा कि कुछ एसपीओ को प्रशासनिक कारणों से सेवा विस्तार नहीं दिया गया है लेकिन कुछ शरारती तत्व ऐसा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्होंने इस्तीफा दिया है। वास्तविकता यह है कि राज्य में अब आतंकवादी बचाव की मुद्रा में हैं और अकेले शोपियां में ही इस साल 28 आतंकवादी मारे जा चुके हैं। जम्मू कश्मीर पुलिस के आक्रामक रुख के चलते आतंकवादियों को खदेड़ा जा रहा है और वे पूरी तरह हताश हैं।
उल्लेखनीय है कि राज्य के शोपियां जिले में आतंकवादियों ने तीन पुलिसकर्मियों का अपहरण करने के बाद उनकी हत्या कर दी। मीडिया रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि आतंकवादियों ने एक वीडियो जारी कर पुलिसकर्मियों को धमकी दी है कि या तो वे 'मरने के लिए तैयार रहें या इस्तीफा दे दें।' (वार्ता)