Terrorism in Jammu : यह सच में दुखद खबर कही जा सकती है कि जम्मू-कश्मीर में फैली पाक परस्त आतंकवाद की जंग में पिछले 3 सालों में जम्मू संभाग में 44 सैनिकों का सर्वोच्च बलिदान हो चुका है। दूसरे शब्दों में कहें तो आतंकवाद का फोकस कश्मीर से शिफ्ट होकर अब जम्मू संभाग के जिलों की ओर हो गया है। इन आहूतियों के क्रम में 11 अक्टूबर 2021 से शुरू होकर जब पुंछ जिले के सुरनकोट और मेंढर के बीच पड़ने वाले चमरेर और भट्टा दुरियन जंगलों में आतंकवादियों और सेना के बीच 10 दिनों से अधिक समय तक गोलीबारी हुई, जिसने आतंकवाद के फिर से पनपने का संकेत दिया। जम्मू क्षेत्र में विभिन्न आतंकी हमलों और मुठभेड़ों में 44 बहादुरों ने अपने प्राणों की आहुति दी है।
जानकारी के लिए 11 अक्टूबर, 2021 को चमरेर के जंगलों में सेना के 5 जवानों ने अपने प्राण गंवाए जबकि 16 अक्टूबर 2021 को भट्टा दुरियन जंगलों में 4 अन्य शहीद हो गए। उनमें से दो जेसीओ थे। आतंकवादियों का पता नहीं चल पाया है।
इसी तरह से 30 अक्टूबर 2021 को राजौरी के नौशेरा सेक्टर में सेना के दो और जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी जबकि 11 अगस्त 2022 को राजौरी के दरहाल इलाके के परगल में हुए आतंकी हमले में सेना के 5 जवान शहीद हो गए, जबकि 2 फिदायीन मारे गए।
आंकड़े बताते हैं कि 20 अप्रैल, 2023 को पुंछ के मेंढर इलाके के भट्टा दुरियन में सेना के 5 जवान शहीद हो गए, जबकि ठीक एक पखवाड़े बाद राजौरी जिले के कंडी में आतंकवादियों द्वारा किए गए आईईडी विस्फोट में पांच पैरा कमांडो शहीद हो गए और एक मेजर घायल हो गए।
शहादतों का क्रम यहीं पर नहीं रुका और 22 नवंबर 2023 को राजौरी के कालाकोट के धर्मशाल इलाके के बाजीमाल में दो विदेशी आतंकियों को ढेर करते हुए पांच सैन्यकर्मी शहीद हो गए, जिनमें दो कैप्टन थे, जबकि 21 दिसंबर 2023 को पुंछ के सुरनकोट इलाके के डेरा की गली में 5 और बहादुर जवान शहीद हो गए और दो अन्य घायल हो गए।
यह क्रम इस साल भी जारी है। इसमें 28 अप्रैल 2024 को उधमपुर जिले के बसंतगढ़ में एक वीडीजी जवान शहीद हो गया, 4 मई 2024 को पुंछ के सुरनकोट में एक भारतीय वायुसेना के जवान ने अपनी जान गंवा दी, जबकि 11 जून 2024 को कठुआ के हीरानगर में एक सीआरपीएफ जवान ने अपनी जान कुर्बान कर दी। और अब कठुआ जिले के बिलावर इलाके के मच्छेड़ी में कल सेना के 5 जवान शहीद हो गए।