बड़ा खुलासा, कश्मीर में पुलिस-आतंकी गठजोड़

सुरेश एस डुग्गर
श्रीनगर। कश्मीर में एक बार फिर पुलिस-आतंकवादी गठजोड़ सामने आया है। दो पुलिसवालों को हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकियों को हथियार व गोला-बारूद सप्लाई करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उनकी पूछताछ और निशानदेही पर कई ठिकानों पर दबिश देकर सप्लाई किया गया असला-बारूद तलाशा जा रहा है।
 
इन गिरफ्तारियों के साथ यह सच सामने आ गया है कि कश्मीर में सक्रिय आतंकी अब मासूमों की हत्या करने के लिए पाकिस्तान से आने वाली हथियारों की खेप नहीं बल्कि पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के हथियारों का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। यह खुलासा दक्षिण कश्मीर में आतंकियों के लिए हथियार सप्लाई करने में लिप्त दो पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी से हुआ है।
 
फिलहाल, पुलिस ने इस मामले में आतंकियों के एक ओवरग्राउंड वर्कर और दो पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया है। उनके साथ इस नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों को गिरफ्तारी के लिए उनके ठिकानों पर लगातार दबिश दी जा रही है। 
 
पकड़े गए पुलिसकर्मियों की पहचान कांस्टेबल शब्बीर अहमद मलिक और कांस्टेबल नजीर अहमद नजार के रूप में हुई है। शब्बीर जिला शोपियां के आमशीपोरा का रहने वाला है और इन दिनों जिला गांदरबल में पुलिस लाइन में तैनात है जबकि नजीर अहमद जिला कुलगाम का रहने वाला है। नजीर अहमद इन दिनों जिला शोपियां में पुलिस लाइन की कोत में तैनात है।
 
एसएसपी शोपियां एसआर अंबरकर ने बताया कि गत सोमवार की शाम को शोपियां सर्किट हाउस बाहर नाके पर तैनात पुलिसकर्मियों ने एक युवक आदिल अहमद नेगरू को संदिग्ध परिस्थितियों में देखा। नाका पार्टी को देख उसने अपना रास्ता बदल लिया था। इससे नाके पर तैनात पुलिसकर्मियों ने उसका पीछा किया और उसे पकड़ लिया।
 
उसकी तलाशी लेने पर उसके कब्जे से एके-47 के 20 कारतूस मिले। उसे उसी समय गिरफ्तार कर लिया गया। आदिल दक्षिण कश्मीर में सक्रिय आतंकियों के नामी ओवरग्राउंड वर्करों में गिना जाता है। वह हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी वसीम अहमद वगे उर्फ सैफुल्ला और इशफाक ठोकर उर्फ अबरार के लिए काम करता है।
 
पूछताछ के दौरान उसने ओक-कुलगाम के रहने वाले अपने एक अन्य साथी मुदस्सर अहमद मीर का नाम भी लिया। उसने बताया कि उसे व मुदस्सर को असाल्ट राइफल के 40 जिंदा कारतूस कांस्टेबल शब्बीर अहमद मलिक ने दिए हैं।
 
पुलिस ने आदिल से मिली जानकारी के आधार पर शब्बीर अहमद को गत शाम को हिरासत में लिया गया। उसने पूछताछ में कांस्टेबल नजीर अहमद का नाम लिया और बताया कि कारतूस नजीर ने ही उस तक पहुंचाए थे और उसने आगे यह आदिल को दिए। हालांकि एसएसपी ने इस मामले में अन्य जानकारी देने से इंकार करते हुए कहा कि अभी पूछताछ जारी है। कुछ और पुलिसकर्मी भी उनके साथ शामिल हो सकते हैं। इसलिए पूरे मामले की गहन छानबीन की जा रही है। 
 
इस बीच, संबधित सूत्रों ने बताया कि नजीर ने जिला पुलिस लाइन शोपियां की कोत में जहां हथियारों का जखीरा जमा रहता है, में तैनाती का फायदा उठाकर ही कारतूस गायब किए थे। वह इन कारतूसों को अपने कुछ अन्य साथी पुलिसकर्मियों की मदद से आतंकियों को बेच रहा था और बदले में मोटी रकम लेता था। सूत्रों ने बताया कि यह गोरखधंधा बीते कई माह से चल रहा था।
 
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सरहद पार से हथियारों की सप्लाई में कमी होने के बाद से ही आतंकी संगठनों ने अब पुलिस संगठन में शामिल कुछ काली भेड़ों के साथ साठगांठ कर ली है और वह इनके जरिए सरकारी हथियार व गोला-बारूद अपने लिए जुटा रहे हैं। फिलहाल, इस पूरे मामले की जांच जारी है।

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