कांग्रेस ने आभूषण व्यापारी मेहता पर सरकार से पूछे सवाल...

Webdunia
गुरुवार, 1 मार्च 2018 (23:38 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस ने मोदी सरकार की नाक के नीचे बैंकों को 6712 करोड़ रुपए का चूना लगाकर विदेश फरार होने वाले जतिन मेहता को लेकर सरकार से सात सवाल पूछते हुए गुरुवार को कहा कि अब तक गुजरात के इस आभूषण व्यापारी के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस क्यों नहीं जारी किया गया।


कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने यहां पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा कि नीरव मोदी, मेहुल चौकसी तथा मेहता ने बैंकों को 39000 रुपए का चूना लगाया और तीनों विदेश फरार हो गए हैं। इससे ऐसा लगता है कि मोदी सरकार का नया नारा हो गया है 'लुटेरों का साथ, भगोड़ों का विकास'।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'न खाऊंगा न खाने दूंगा' नारे का मजाक उड़ाते हुए उन्होंने कहा कि अब उनका नारा है, 'खाऊंगा, खाने दूंगा और पैक करके ले जाने दूंगा।' उन्होंने कहा कि मोदी ने इन घोटालों पर 'मौन व्रत' ले लिया। सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि मेहता को इसलिए बचाया जा रहा है क्योंकि वे मोदी के करीबी एक व्यापारिक घराने के रिश्तेदार हैं।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ये घोटाले सरकार की प्रत्यक्ष या परोक्ष जानकारी के बगैर नहीं हो सकते हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मेहता की तीन आभूषण कंपनियों ने 6713 करोड़ रुपए का लेटर ऑफ क्रेडिट लेकर पंजाब नेशनल बैंक को चूना लगा दिया।

बैंकों ने इसकी शिकायत केंद्रीय जांच ब्यूरो और मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में फरवरी 2014 में की। इन कंपनियों ने 2013-14 और 2015-16 को कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय को इन शिकायतों की जानकारी भी दी। इसके बावजूद सीबीआई ने कंपनियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। शिकायत के साढ़े तीन वर्ष बाद अप्रैल 2017 में इस मामले की प्राथमिकी दर्ज की गई।

सुरजेवाला ने कहा कि मेहता और उसकी पत्नी ने जून 2016 में भारत की नागरिकता छोड़कर सेंट किट्स एंड नेविस देश की नागरिकता ले ली। इस देश ने भारत के साथ प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं लेकिन यह इंटरपोल का सदस्य है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने मोदी सरकार से इस सम्बन्ध में सात सवाल पूछे कि मेहता के खिलाफ गंभीर आरोप होने के बाद भी गृह एवं विदेश मंत्रालय ने पुलिस से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए बगैर उसे नागरिकता छोड़ने और विदेश भागने की अनुमति कैसे दी, सीबीआई ने प्राथमिकी शिकायत के साढ़े तीन वर्ष बाद क्यों दर्ज की और उसके खिलाफ कार्रवाई क्‍यों नहीं की गई।

इसके अलावा उसके खिलाफ आज तक रेड कार्नर नोटिस क्यों नहीं जारी किया गया और उसे कौन बचा रहा है? उन्होंने कहा कि जिस तरह ये सभी घोटाले एक ही राज्य के समान धंधे वाले लोगों ने किए और घोटालों का एक जैसा तौर-तरीका अख्तियार किया है, उससे संदेह पैदा होता है कि 'चौकीदार' इनमें 'भागीदार' तो नहीं है। (वार्ता)

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